सीट बंटवारे से पहले जीतनराम मांझी की सख्त मांग, बोले- 15 सीट नहीं मिली तो 100 पर लड़ेंगे

बिहार की राजनीति में सीट शेयरिंग को लेकर हलचल तेज हो गई है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने एनडीए के अंदर सीट बंटवारे को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि अगर उनकी पार्टी को 15 सीटें नहीं दी गईं तो वे 100 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। मांझी की इस घोषणा ने एनडीए खेमे में खलबली मचा दी है।

मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी का राज्य में अच्छा जनाधार है और कार्यकर्ता लगातार मेहनत कर रहे हैं। ऐसे में अगर एनडीए उन्हें उचित सम्मान नहीं देगा तो वे मजबूर होकर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनकी पार्टी गठबंधन धर्म का पालन करना चाहती है, लेकिन सम्मान और हिस्सेदारी भी उतनी ही जरूरी है।

एनडीए में पहले से ही सीटों को लेकर चर्चा तेज है। भाजपा और जदयू के बीच सीटों का बंटवारा सबसे अहम माना जा रहा है, वहीं छोटे सहयोगी दल भी अपनी-अपनी हिस्सेदारी को लेकर दबाव बना रहे हैं। मांझी का बयान इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि वे दलित राजनीति के बड़े चेहरे माने जाते हैं और कई इलाकों में उनका अच्छा असर है।

राजनीतिक जानकार मानते हैं कि मांझी की यह रणनीति दबाव की राजनीति है, जिससे वे एनडीए से अपनी सीटों की संख्या बढ़वाना चाहते हैं। हालांकि, अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे स्वतंत्र चुनाव लड़कर एनडीए को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।

वहीं विपक्ष भी इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है। अगर मांझी एनडीए से अलग होते हैं तो महागठबंधन उन्हें अपने खेमे में शामिल करने की कोशिश कर सकता है। इससे चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं।

फिलहाल सभी की निगाहें एनडीए के आगामी बैठक पर टिकी हैं, जहां सीट शेयरिंग पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। मांझी के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार चुनाव में सीट बंटवारे का मुद्दा और भी पेचीदा हो गया है और इसका असर पूरे राज्य की राजनीति पर पड़ेगा।

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