बिलासपुर के सीपत थाना क्षेत्र में धर्मांतरण को लेकर विवाद पैदा हो गया है। आरोप है कि पास्टर हिंदू धर्म के लोगों को पैसों और अन्य प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहे थे। मामले की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय हिंदू संगठन के कार्यकर्ता तुरंत चर्च पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया। स्थिति को देखते हुए पुलिस मौके पर पहुंची और माहौल को शांत कराया।
हिंदू संगठनों का आरोप है कि इस प्रक्रिया में कई आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय परिवारों को निशाना बनाया गया। उन्हें नौकरी, पैसे और अन्य सुविधाओं का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जा रहा था। पुलिस ने पूरे मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है और सभी पहलुओं की पड़ताल कर रही है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि विवाद की खबर फैलते ही आसपास के लोग भी घटनास्थल पर जमा हो गए। हालांकि पुलिस ने मौके पर सक्रियता दिखाते हुए विरोध प्रदर्शन को नियंत्रित किया। अधिकारियों ने कहा कि मामले में किसी भी प्रकार की गलती या दबाव नहीं चलेगा और सभी आरोपों की निष्पक्ष जांच की जाएगी।
इस घटना ने क्षेत्र में सुरक्षा और सामाजिक संतुलन को लेकर चिंता बढ़ा दी है। प्रशासन ने आसपास के इलाकों में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी है। मामले की जांच के दौरान संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी की जा रही है और आरोपितों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस मामले में अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि धर्मांतरण की कोशिश में कौन-कौन शामिल था और किस प्रकार से यह योजना बनाई गई। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले सभी पक्षों की बयान रिकॉर्ड किए जाएंगे।
स्थानीय नागरिकों और धार्मिक संगठनों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि इस प्रकार की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की जाए और आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर लोगों को सुरक्षित रखा जाए। प्रशासन ने इस मामले में पूर्ण पारदर्शिता और कानूनी प्रक्रिया के पालन का आश्वासन दिया है।
धर्मांतरण विवाद ने बिलासपुर में सामाजिक चेतना को जागरूक कर दिया है और स्थानीय लोगों में सतर्कता बढ़ा दी है। पुलिस और प्रशासन की निगरानी में स्थिति अभी नियंत्रण में है, लेकिन सभी की नजरें आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं।