जबलपुर में अतिथि शिक्षिकाओं की शिकायत पर नहीं हुई सुनवाई, 70 किलोमीटर दूर जाकर दर्ज कराई शिकायत

जबलपुर में उच्च शिक्षा विभाग के संभागीय कार्यालय में शिकायतों के प्रति उदासीनता सामने आई है। मामला मंडला जिले के निवास सरकारी कॉलेज का है, जहां की महिला अतिथि शिक्षिकाओं ने प्राचार्य की मनमानी और दुर्व्यवहार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। आरोप है कि प्राचार्या डॉ. सदन मरावी स्टाफ और विद्यार्थियों के सामने शिक्षकों के साथ गंदी भाषा का प्रयोग करती हैं और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करती हैं।

शिकायतकर्ताओं का कहना है कि सात जुलाई की घटना के बाद उन्होंने 11 जुलाई को मेल के माध्यम से क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालय में शिकायत भेजी। लंबा इंतजार करने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिलने पर शिक्षिकाओं को स्वयं 70 किलोमीटर दूर जाकर मुख्यालय में शिकायत दर्ज करानी पड़ी। कार्यालय में संपर्क करने पर पहले शिकायत आने से इनकार किया गया। जब उन्होंने मेल का स्क्रीनशॉट दिखाया, तब विभाग ने माना कि शिकायत तो पहुंची थी, लेकिन उसे खोलकर नहीं देखा गया।

अतिथि शिक्षिकाओं पुष्पा चतुर्वेदी, डॉ. पुर्णिमा ब्योहार, डॉ. अरुनिमा शर्मा और डॉ. सरोज साहू ने लिखा कि प्राचार्या अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही हैं। शिकायत में यह भी बताया गया कि प्राचार्य द्वारा स्टाफ रूम में ताला लगाने और शिक्षकों को बंद करने जैसी घटनाएं भी हुई हैं, जिसके बारे में एडी कार्यालय जबलपुर और आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग भोपाल को मेल भेजा गया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इसके अलावा कॉलेज में कक्षाओं की कमी, लैब तकनीशियन की नियुक्ति नहीं होना, प्राचार्य का अभद्र भाषा प्रयोग और विद्यार्थियों व स्टाफ के कपड़ों तथा शारीरिक बनावट पर टिप्पणी करना शिक्षिकाओं और छात्रों के लिए लगातार परेशानी का कारण बन रहा है। शिकायत से यह स्पष्ट होता है कि विभाग में दूर-दराज के कॉलेजों से आने वाली कई शिकायतों पर संज्ञान ही नहीं लिया जाता।

अतिथि शिक्षिकाओं का कहना है कि प्रशासन और उच्च शिक्षा विभाग को जल्द प्रभावी कदम उठाना चाहिए, ताकि स्टाफ और विद्यार्थियों के साथ हो रहे अनुचित व्यवहार को रोका जा सके। अभी भी विभागीय कार्रवाई की प्रतीक्षा है, जबकि शिक्षिकाओं और छात्रों की समस्याएं गंभीर बनी हुई हैं।

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