ग्वालियर में पुलिस ने फर्जी सिम कार्डों की बिक्री और साइबर फ्रॉड में उपयोग करने वाले अनाधिकृत सिम विक्रेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि आरोपी ग्राहकों के पहचान दस्तावेजों का दुरुपयोग कर नियमों के खिलाफ प्री-एक्टिव सिम तैयार कर बेच रहे थे। इन सिम कार्डों का उपयोग आर्थिक अपराध और साइबर फ्रॉड में किया जा रहा था।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान विकाश पांडे (शेकारा जागीर, डबरा), नाहर सिंह बघेल (चिनौर रोड, डबरा) और योगेश कुशवाह (नाका चंद्रबदनी रोड, ग्वालियर) के रूप में हुई। इनके खिलाफ धारा 318(2) बीएनएस और धारा 66(सी) आईटी एक्ट के तहत दो प्रकरण थाना डबरा सिटी और एक प्रकरण थाना बहोड़ापुर में दर्ज किए गए हैं।
पुलिस ने बताया कि इन सिम कार्डों के माध्यम से कई साइबर अपराध किए जा रहे थे। प्री-एक्टिव सिम का मतलब होता है कि सिम कार्ड को पहले से सक्रिय किया गया हो और बिना ग्राहक की पूरी जानकारी के इस्तेमाल किया जा सके। आरोपी ग्राहकों को प्रलोभन और कमीशन का लालच देकर भी दस्तावेज जुटा रहे थे।
पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि सिम कार्ड हमेशा अधिकृत विक्रेता से ही खरीदें। किसी अनजान व्यक्ति को पहचान दस्तावेज न दें और प्रलोभन, ऑफर या कमीशन में आकर सिम या बैंक खाते साझा न करें। साथ ही यह जानकारी रखें कि आधार से कितनी सिम जुड़ी हैं, इसे https://sancharsaathi.gov.in/ से जांचा जा सकता है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना 1930 हेल्पलाइन या www.cybercrime.gov.in पर दर्ज कराई जा सकती है।
इस कार्रवाई से स्पष्ट संदेश गया है कि पुलिस फर्जी सिम कार्ड और साइबर फ्रॉड के मामलों में गंभीर है और किसी भी अनाधिकृत गतिविधि को बख्शा नहीं जाएगा। ग्वालियर पुलिस की टीम ने मौके पर छानबीन के दौरान अन्य संदिग्धों की पहचान और संभावित नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश की।
अधिकारियों का कहना है कि साइबर अपराधों में तेजी से वृद्धि हो रही है, इसलिए आम लोगों को सतर्क रहना जरूरी है। इस मामले में आगे की कार्रवाई आरोपियों की पूछताछ और जांच रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी। इस कार्रवाई से क्षेत्र में साइबर अपराध के मामलों पर कड़ा नियंत्रण बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है।