सोनभद्र में सड़क पर ‘मौत का तांडव’: राख से भरी हाईवा ने अधेड़ व्यक्ति को बेरहमी से कुचला

सोनभद्र : बीजपुर थाना क्षेत्र के अधौरा (सिरसोती) में एक भीषण सड़क हादसे ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया.एनटीपीसी के राख परिवहन में लगी एक तेज रफ्तार हाईवा ने सड़क पार कर रहे एक 56 वर्षीय अधेड़ व्यक्ति को बेरहमी से कुचल दिया, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है और उन्होंने लापरवाही से गाड़ी चलाने वाले चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की मांग की है.

 

हादसे का शिकार हुए मृतक की पहचान श्याम नारायण (56) के रूप में हुई है, जो सिरसोती गांव के रहने वाले थे। जानकारी के मुताबिक, श्याम नारायण शुक्रवार की शाम बाजार से वापस लौट रहे थे.जब वे सिरसोती में अधौरा के पास सड़क पार कर रहे थे, तभी रिफ्लेक्स कंपनी की एक हाईवा ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। टक्कर इतनी भयानक थी कि श्याम नारायण गंभीर रूप से घायल हो गए.

आनन-फानन में मौके पर जुटी भीड़ ने उन्हें तुरंत एनटीपीसी रिहंद परिसर स्थित धन्वंतरी चिकित्सालय पहुंचाया.लेकिन, कई कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.

 

हादसे की खबर फैलते ही घटनास्थल पर लोगों का भारी जमावड़ा लग गया.स्थानीय लोगों में हाईवा चालकों की लापरवाही को लेकर भारी गुस्सा है.उन्होंने आरोप लगाया कि एनटीपीसी के राख परिवहन में लगी गाड़ियां अक्सर तेज रफ्तार में चलती हैं, मानो वे सड़क पर मौत बनकर घूम रही हों। लोगों का कहना है कि आए दिन इन गाड़ियों की वजह से हादसे होते रहते हैं, जिनमें कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन प्रशासन और एनटीपीसी प्रबंधन इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं.

मृतक श्याम नारायण की पत्नी, रामसखी ने बीजपुर थाने में तहरीर देकर दोषी ड्राइवर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया है और कार्रवाई शुरू कर दी है.

 

पुलिस ने शुरू की जांच प्रभारी निरीक्षक अखिलेश मिश्रा ने बताया कि मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए दुद्धी भेज दिया गया है.साथ ही, हादसे में शामिल हाईवा को जब्त कर थाने में खड़ा करवा दिया गया है.पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है और मृतक के परिजनों द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

 

यह हादसा एक बार फिर से इस क्षेत्र में भारी वाहनों द्वारा होने वाले खतरों को उजागर करता है.अब देखना यह है कि क्या प्रशासन और संबंधित कंपनियां इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए कोई प्रभावी कदम उठाती हैं या नहीं.

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