गोंडा : नवाबगंज इलाके में फर्जी गेमिंग ऐप के जरिए करोड़ों की ठगी के मामले में नया मोड़ सामने आया है.इस प्रकरण में आरोपी बनाए गए हाफिज अली के भाई लियाकत अली ने अपने भाइयों पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है.उन्होंने देवीपाटन मंडल के आईजी अमित पाठक को पत्र भेजकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.
लियाकत अली का कहना है कि जिन बैंक खातों में 2.36 करोड़ रुपये का लेन-देन दिखाया जा रहा है, वह किसी गेमिंग ऐप से जुड़ा पैसा नहीं बल्कि ग्राम पंचायत निधि से संबंधित है.उन्होंने बताया कि यह रकम दरअसल ए.आर. माइंस एंड सप्लायर नाम की फर्म के जरिए पंचायत विकास कार्यों के लिए सामान की सप्लाई से जुड़ी है.
उनके मुताबिक, फर्म लंबे समय से ब्लॉक में रजिस्टर्ड है और पंचायतों को गिट्टी, मोरंग, बालू आदि उपलब्ध कराती रही है.इन सामानों का उपयोग गांवों के विकास कार्यों में किया जाता है.खाते का संचालन अतीकुर्रहमान करते हैं और इसका बैंक स्टेटमेंट भी इस बात की पुष्टि करता है.
लियाकत अली ने दावा किया कि जो रकम बताई जा रही है, उसका ग्राम निधि से मिलान कराया जाए, तभी वास्तविकता स्पष्ट होगी.उनके अनुसार, मामले से जुड़े सभी आधिकारिक अभिलेख ब्लॉक में उपलब्ध हैं.इसी को लेकर हाफिज अली ने हाई कोर्ट प्रयागराज में याचिका भी दाखिल की है.
परिवार ने यह भी बताया कि फर्म से जुड़े मोबाइल नंबर का सिम कार्ड 18 अगस्त को अन्य कागजातों के साथ खो गया था, जिसे बाद में गोंडा के तौसीफ और तारिक ने लौटाया। इसकी लिखित तहरीर थाने में दी गई थी और तौसीफ के खिलाफ अदालत में मुकदमा भी दर्ज है.
गौरतलब है कि कन्नौज पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग ऐप का क्लोन बनाकर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया था. पुलिस ने 14 सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया और गोंडा निवासी हाफिज अली पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया। हाफिज अली को ठगी के पैसों को फर्जी बैंक खातों के जरिए लेन-देन करने वाला बताया जा रहा है.
फिलहाल, जब तक खातों की फॉरेंसिक ऑडिट नहीं होती, तब तक यह साफ नहीं हो सकेगा कि रकम पंचायत सप्लाई से जुड़ी है या फर्जी गेमिंग ऐप के जरिए आई है.जांच के बाद ही असली सच्चाई सामने आ पाएगी.