झालावाड़: मुख्यालय पर मिनी सचिवालय के मुख्य द्वार के सामने पीपलोदी के पीड़ितों के लिए किए जा रहे धरने प्रदर्शन और भूख हड़ताल के दौरान दो युवक बेहोश हो गए, जिन्हें झालावाड़ के एस आर जी अस्पताल में दाखिल करवाया गया है. जानकारी के लिए आपको बता दें कि धरना स्थल पर तीन युवक भूख हड़ताल पर बैठे हैं. जिनकी भूख हड़ताल का आज पांचवा दिन था. ऐसे में शाम होते-होते दो की हालत बिगड़ गई और कुछ समय के अंतराल में दोनों बेहोश हो गए.
मौके पर बैठे अन्य प्रदर्शनकारियों द्वारा एंबुलेंस को सूचना दी गई जिसके बाद एंबुलेंस मौके पर पहुंची तथा दोनों युवकों को झालावाड़ के श्री राजेंद्र सार्वजनिक चिकित्सालय ले जाया गया. जहां दोनों को आईसीयू में दाखिल का उपचार किया जा रहा है. जानकारी के लिए आपको बता दें कि झालावाड़ के पीपलोदी में स्कूल दुर्घटना में मारे गए बच्चों को एक-एक करोड रुपए मुआवजा दिए जाने सहित अन्य मांगों को लेकर भील समाज एवं अन्य संगठनों द्वारा झालावाड़ के मिनी सचिवालय के मुख्य द्वार के सामने धरना देकर प्रदर्शन किया जा रहा है.
जहां तीन युवक भूख हड़ताल पर भी बैठे थे. गुरुवार को भूख हड़ताल का पांचवा दिन था ऐसे में गुरुवार शाम को अचानक भूख हड़ताल पर बैठे हुए सत्यनारायण चौहान और प्रदीप की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई तथा दोनों बेहोश हो गए. मौके पर मौजूद अन्य लोगों द्वारा एंबुलेंस को सूचित किया गया. जिसके बाद एंबुलेंस मौके पर पहुंची तथा दोनों युवकों को तुरंत एंबुलेंस की सहायता से झालावाड़ के एस आर जी अस्पताल लाया गया जहां इमरजेंसी आईसीयू में दाखिल करके दोनों का उपचार किया जा रहा है. दोनों युवकों को दाखिल किए जाने के काफी देर बाद तक भी होश नहीं आया था ऐसे में अस्पताल में अफरा तफरी माहौल रहा.
धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लोगों ने बताया कि सरकार और झालावाड़ प्रशासन पूरी तरह से संवेदनहीनता का रवैया अपना रहे हैं. तीन लोग भूख हड़ताल पर बैठे हैं तथा 5 दिन हो जाने के पश्चात भी प्रशासन द्वारा भूख हड़ताल पर बैठे लोगों की कोई सुध नहीं ली गई है. ऐसे में साफ जाहिर होता है कि मामले को हल करने की कोशिश ही नहीं की जा रही है.
वह हड़ताल पर बैठे युवकों के बेहोश जाने का पश्चात झालावाड़ एसडीएम विकास प्रजापत और मेडिकल कॉलेज के डीन संजय पोरवाल भी पहुंचे तथा छात्रों की स्थिति के बारे में जानकारी लेकर समझाइश की.