गाजियाबाद के लोनी में भाजपा के लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने एक बार फिर पुलिस और प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया है. विधायक न केवल अपने क्षेत्र में जाम में फंसकर खुद सड़क पर उतर आए और सड़क पर लगा जाम खुलवाया और अतिक्रमण हटवाया, बल्कि इसके बाद गुस्से में पुलिस अधिकारियों पर ऐसे गंभीर आरोप जड़ दिए, जिसने पूरे राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी है. गुस्साए विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा विधायक का प्रोटोकॉल चीफ सेक्रेटरी से बड़ा होता है, इन अधिकारियों ने चपरासी बना दिया. अधिकारी जनता भी सुनने के बजाय वीसी में व्यस्त हैं, चाहे मुख्य सचिव, चीफ सेक्रेटरी या गाजियाबाद और लोनी के बड़े अधिकारी.
लोनी में सड़कों पर अतिक्रमण जाम, और गड्ढा मुक्त कराने उतरे लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर का कहना है कि वह लोनी की टूटी सड़कों को गड्ढा मुक्त कराने का काम देख रहे थे. इसी दौरान वह लोनी तिराहे पर घंटों तक जाम में फंसे रहे. गुस्से से लाल विधायक ने आरोप लगाया कि इस दौरान एक भी पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद नहीं था, जनता परेशान रही, विधायक परेशान रहा, लेकिन व्यवस्था संभालने वाला कोई नहीं दिखा.
काफी देर बाद जब एक पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचा तो विधायक का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि “अगर जनता और विधायक को ही जाम खुलवाना पड़े, तो पुलिस की ड्यूटी क्या है?” नाराज विधायक ने अपने समर्थकों के साथ खुद सड़क पर उतरकर जाम खुलवाया और फिर सीधे पास में स्थित एसीपी लोनी के दफ्तर जा धमके.
लेकिन यहां हालात और भी चौंकाने वाले थे. एसीपी दफ्तर में मौजूद नहीं थे और किसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में व्यस्त थे. यह सुनकर विधायक और भड़क गए. उन्होंने फोन पर ही अधिकारी को फटकार लगाई और कहा कि वरिष्ठ अधिकारी हमेशा मीटिंग और वीसी का बहाना बनाकर जनता और जनप्रतिनिधियों को टाल देते हैं.
‘गाजियाबाद में चौकियों की बोली लग रही है’
विधायक नंदकिशोर गुर्जर यहीं नहीं रुके. उन्होंने मीडिया से बातचीत में आरोप जड़ते हुए कहा कि गाजियाबाद में चौकियों की बोली लग रही है. उनका दावा है कि दो-दो लाख रुपये लेकर चौकियां बेची जा रही हैं, पैसे लेकर नए लड़कों की तैनाती की जा रही है, और अनुभवी पुलिस सब इंस्पेटरों को तैनाती नहीं दी जा रही, यह पूरा खेल बड़े अधिकारियों की जानकारी में भी चल रहा है.
‘चौकियां दिए जाने की ऑडियो रिकॉर्डिंग मौजूद’
विधायक ने यहां तक कह दिया कि उनके पास पैसे लेकर चौकियां दिए जाने के खेल की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है जो उन्होंने कुछ नई चौकी इंचार्जों से बातचीत के दौरान रिकार्ड की है . उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि “अगर हिम्मत है तो जांच कराइए, सबके चेहरे बेनकाब हो जाएंगे.”
गुर्जर का आरोप है कि गाजियाबाद के आला पुलिस अधिकारी न तो जनता की सुनते हैं और न ही जनप्रतिनिधियों की. उन्होंने तल्ख़ अंदाज़ में कहा, “यहां सीपी हो, एसीपी हो या कोई और बड़ा अफसर, किसी को फील्ड की परवाह नहीं. सिर्फ कुर्सियों पर बैठकर वीसी करने में व्यस्त रहते हैं. जनता सड़क पर मरती रहे, विधायक जाम में फंसा रहे, किसी को फर्क नहीं पड़ता.