महाराष्ट्र के नासिक में छापेमारी के दौरान सीबीआई ने ठगी के एक इंटरनेशनल नेटवर्क का पर्दाफाश किया है. यहां सक्रिय दो फर्जी कॉल सेंटरों को ध्वस्त किया है. ये कॉल सेंटर एजेंट और सरकारी अधिकारी बनकर ब्रिटिश नागरिकों को झांसा देते थे. उनसे बीमा पॉलिसियों के नाम पर लाखों रुपए ठग लेते थे. इस रैकेट में काम करने वाले दो आरोपियों गणेश और श्याम कामनकर को गिरफ्तार किया गया है
सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि दोनों आरोपी स्वगन बिजनेस सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड नामक फर्जी कंपनी के तहत इस रैकेट का संचालन कर रहे थे. आरोप है कि कॉल सेंटर से किए जाने वाले कॉल्स में आरोपी खुद को बीमा एजेंट और सरकारी अधिकारी बताकर ब्रिटिश नागरिकों को टारगेट करते थे. उनको ये कहकर जाल में फंसाया जाता था कि जीवन सुरक्षा और बेहतर निवेश के लिए बीमा पॉलिसी जरूरी है.
इस फर्जीवाड़े की सूचना लगातार मिल रही थी. इसके बाद सीबीआई ने इस मामले जांच शुरू की, जिसमें सामने आया कि इन कॉल सेंटरों में करीब 60 कर्मचारी काम कर रहे थे. ये लोग वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल तकनीक का इस्तेमाल कर विदेशी कॉल्स करते थे और अपने नंबर छिपाने के लिए नकली फोन आईडी जनरेट करते थे. इसके लिए कर्मचारियों को बकायदा स्क्रिप्ट तक दी जाती थी.
सीबीआई के एक अधिकारी के मुताबिक, इसके जरिए वे पीड़ितों को झांसे में लेकर उनसे उनके क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारी तक हासिल कर लेते थे. इसके लिए फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए जाते थे. पीड़ितों से वसूली गई रकम पेपाल और पारंपरिक बैंकिंग चैनलों के जरिए भारत तक पहुंचाई जाती थी. इस ठगी से जुड़ी रकम करोड़ों तक पहुंच सकती है. इस रैकेट ने बड़ी संख्या में लोगों को शिकार बनाया था.
छापेमारी के दौरान सीबीआई ने बड़ी मात्रा में डिजिटल और फिजिकल सबूत बरामद किए हैं. इनमें पीड़ितों का डेटा, फर्जी बीमा पॉलिसी स्क्रिप्ट, आठ मोबाइल फोन, आठ कंप्यूटर सिस्टम, सर्वर और पांच लाख रुपए की नकदी शामिल है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने नासिक और ठाणे (कल्याण) में अलग-अलग ठिकानों पर तलाशी ली. गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को अदालत में पेशकर के सीबीआई ने हिरासत में ले लिया.