महाराष्ट्र के बीड जिले से मराठा आरक्षण न मिलने के चलते आत्महत्या का मामला सामने आया है. यहां एक किसान ने जहरीली दवा खाकर अपनी दे दी है. आपको बता दें कि मराठा आरक्षण को लेकर ये तीसरी मौत हुई है. घटना के बाद से ही मृतक किसान के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. बताया जा रहा है कि मृतक किसान आरक्षण न मिलने के कारण काफी परेशान चल रहा था. इस बीच डिप्रेशन में आकर उसने सुसाइड कर लिया.
बीड जिले के अहेर धनोरा के रहने वाले 39 साल के संतोष अर्जुन वाले ने मराठा आरक्षण न मिलने का दुख जताते हुए जहरीली दवा खाकर आत्महत्या कर ली. संतोष वाले ने कई मराठा आरक्षण आंदोलनों में भाग लिया था. स्कूल में पढ़ रहे उनके दो बच्चे बार-बार कहते थे कि आने वाला समय कठिन होगा क्योंकि उन्हें मराठा आरक्षण नहीं मिल रहा है. वह लगातार निराश रहते थे. इसी दौरान 2 सितंबर को उन्होंने जहरीली दवा खा ली.
किसान ने किया सुसाइड
इस बात की जानकारी होते ही हड़कंप मच गया. आनन-फानन में उन्हें बीड जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद कई दिनों तक उनका वहां गंभीर हालत में इलाज चला. इस बीच उन्होंने दम तोड़ दिया. घटना के बाद से ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. साथ ही इलाके में गम का माहौल है. मृतक किसान के परिवार में पत्नी पल्लवी वाले, दो छोटे बच्चे, एक भाई, माता-पिता और भाई-बहन हैं.
मराठा आरक्षण की मांग हो रही तेज
आपको बता दें कि इसके अलावा मराठा आरक्षण की मांग के बीच बंजारा समुदाय ने रिजर्वेशन की मांग को लेकर आवाज तेज कर दी है. इस बीच आंदोलन की मांग के लेकर एक बंजारे युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या अपनी जान दे दी है. मृतक के परिजनों का कहना है कि आरक्षण की मांग को लेकर उनके बेटे ने आत्महत्या की है. युवक के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उसने आरक्षण का जिक्र किया है