अतिवृष्टि से तबाह हुई फसलें, मुआवजे को तरसते किसान: 16 सितंबर को मसीतांवाली हेड पर हल्ला बोल करेंगे किसान

हनुमानगढ़: जिले के टिब्बी क्षेत्र के कई चकों व गांवों में पिछले वर्ष हुई अतिवृष्टि प्रभावित किसानों का मुआवजे सहित विभिन्न मांगों को लेकर रविवार को नौ दिन भी मसीतां वाली हैड चौराहे पर बेमियादी धरना जारी रहा. धरना स्थल की रामचन्द्र तेतरवाल, इंद्रपाल पिलानियां, पप्पू राम मोइल की अध्यक्षता में जारी रहा. धरना स्थल पर हुई सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने प्रशासन व सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार लगातार चुप्पी साधे बैठी है.

इलाके के दो दर्जन गांव की फसलें ढाणियां अतिवृष्टि से तबाही के कगार पर है लेकिन प्रशासन सिर्फ लीपापोती करके अपना पल्ला झाड़ रहा है. स्पेशल गिरदावरी के नाम पर ना तो कोई पटवारी द्वारा कोई टीम मौके पर गई है और ना हीं ढाणीया का कोई सर्वे किया गया है. कितनी फसलों का आकलन किया गया इस बात का कोई स्पष्ट प्रमाण यहां के प्रशासन के पास नहीं है.

9 दिन पहले जब मसीतां वाली हैड चौराहे पर धरना शुरू किया गया था. तब प्रशासन द्वारा यह कहा गया था कि आपकी चार दिन बाद में आपके खाते में पैसे आ जाएंगे. जिन किसानों और मजदूरों के मकान का नुकसान हुआ है. उनके खाते में पैसे आ जाएंगे. राज्य सरकार से मिलने वाली तमाम सुविधाएं किसान और मजदूरों को दे दी जाएगी. लेकिन लगातार 9 दिन बीत जाने के बाद में भी आज तक खाते में एक रुपया नहीं आया है.


स्पेशल गिरदावरी के नाम पर कोई मौके पर नहीं गया है ढाणियों व खेतों में तकरीबन 5 फीट से ज्यादा पानी भरा हुआ और बिजली विभाग जहां जल भराव क्षेत्र में 24 घंटे बिजली देने की बात कर रहा था वह बिजली अभी तक शुरू नहीं की गई. ऐसे में जल भराव का उठाव बड़ी ही धीमी और कछुआ चाल से हो रहा है. आज किसान लगातार इस मांग को कर रहे हैं कि पानी निकासी जल्द से जल्द व्यवस्था की जाए. इसके लिए प्रशासन को अधिक संख्या में मोटर पंपों की व्यवस्था कराई जानी है. लेकिन आज तक को व्यवस्था नहीं हो पाई है.

अखिल भारतीय किसान सभा व संयुक्त किसान मोर्चे द्वारा प्रशासन व सरकार को बार-बार अवगत करा दिया है कि गेहूं कि बुवाई के लिए पानी का उठाव करना अति आवश्यक है. लेकिन प्रशासन आंखें मूंद करके बैठा है. जिसको कतई सहन नहीं किया जाएगा. आने वाले 16 सितंबर को मसीतां वाली हेड चौराहे पर किसानों का हल्ला बोल कार्यक्रम होगा. इसमें इलाके के दो दर्जन से ज्यादा गांव ढाणियों के किसान मजदूर, नौजवान सरकार की स चुप्पी के खिलाफ प्रशासन की वादा खिलाफी के खिलाफ यहां मसीतां वाली हैड चौराहे पर पहुंचेंगे इसको लेकर के गांव गांव ढाणी ढाणी प्रचार करने के लिए कमेटी गठित की गई है जो गांव गांव ढाणियों ढाणियों में जाकर के लोगों को जागरूक करके मसीतां वाली हैड चोराहे पर लेकर के आएंगे.

किसानों को गिरदावरी एप की जानकारी, किसानों से किया संवाद:
तहसीलदार हरीश कुमार टाक, नायब तहसीलदार सूर्यदेव स्वामी के साथ भाजपा मंडल अध्यक्ष गिरधारी लाल टाक, राजेंद्र सिंह पांडी,इकबाल सिंह मान,बलकरण सिंह आदि किसानों को गिरदावरी एप के बारे में बताया. गिरदावरी करना सिखाया गया तथा अतिवृष्टि प्रभावित किसानों से बातचीत की. नायब तहसीलदार सूर्यदेव स्वामी ने बताया कि अब किसान ‘राज किसान गिरदावरी एप’ के जरिए स्वयं अपनी फसल दर्ज कर सकेंगे. इस नई प्रणाली के तहत अब किसान अपने खेतों की गिरदावरी खुद कर सकेंगे, जिससे फसल खराबे का सही आकलन संभव होगा और भविष्य में मुआवजा वितरण में कोई समस्या नहीं आएगी. लोकेशन और फोटो आधारित इस प्रक्रिया से सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे किसानों तक पहुंचेगा.

अतिवृष्टि से हजारों बीघा में खड़ी फसलें हुई जलमग्न :

वहीं क्षेत्र के कई चकों में पिछले दिनों हुई अतिवृष्टि से हजारों बीघा में खड़ी फसलें तबाह हो गई. खेत जलमग्न होने से सेम की स्थिति बनी हुई.  कई ढाणियों में बने मकानों को भी खासा नुकसान पहुंचा है. प्रभावित किसानों का कहना है कि अब अतिवृष्टि से हजारों बीघा में खड़ी फसलें पूर्णतया खराब हो गई है तथा अगर सरकार व प्रशासन ने जलभराव के पानी के निवासी की व्यवस्था नहीं की तो रबी की फसल की बुवाई भी नहीं हो सकेगी.

ऐसे में किसानों के लिए रोजी रोटी का संकट पैदा हो सकता है. वहीं क्षेत्र में गत दिनों क्षेत्र में हुई अतिवृष्टि से फसलों के नुकसान को लेकर प्रभावित किसानों ने खेतों की शीघ्र स्पेशल गिरदावरी करवाकर व क्रॉप कटिंग करवाकर मुआवजा की मांग उठाई गयी. चक 2 केएसपी, 3केएसपी व 14 एसएलडब्ल्यू , मेहरवाला, मियां वाली ढाणी आदि जहां अभी भी जलभराव की स्थिति बनी हुई है. इस आपदा की घड़ी में प्रशासन द्वारा 24 घंटे विद्युत आपूर्ति देने, अस्थाई विद्युत लाइन डीपी व ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराने पर की मांग की गई है.

वहीं क्षेत्रीय विधायक अभिमन्यु पूनिया ने भी ग्राम मेहरवाला, मियांवाली ढ़ाणी, सिलवाला खुर्द, मसीतांवाली, चक 13 एस एल डब्ल्यू सहित विभिन्न चको में किसान बंधुओं से मुलाकात की व फसल खराबे के नुकसान, खेतों में जलभराव की स्थिति को देखकर विशेष गिरदावरी व मुआवजे के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है. पिछले 40 दिनों में लगातार हुई भारी बारिश ने हमारे खेतों में लहलहाती फसलों व मकानों को व्यापक नुकसान पहुँचाया है.  जलभराव की त्वरित निकासी, फसल नुकसान के आकलन एवं राज्य स्तर पर आपदा राहत कोष से सहायता के लिए उच्चाधिकारियों से वार्ता भी की है.

 

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