उत्तराखंड के हरिद्वार में साल 2027 में अर्धकुंभ लगेगा. साल 2027 में छह मार्च महाशिवरात्रि पर शुरू होगा. इस अर्धकुंभ की तारीखों की घोषणा कर दी गई है. राज्य सरकार का प्रस्ताव अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने मंजूर करते हुए उस पर अपनी मुहर लगा दी है. साथ ही हरिद्वार में लगने वाले अर्धकुंभ की तारीखें भी तय कर दी गई हैं.
हालांकि तारीखों का आधिकारिक घोषणा पुष्कर धामी सरकार कुछ वक्त के बाद करेगी. घोषणा के बाद ही राज्य सरकार की ओर से अर्धकुंभ की तैयारियां शुरू की जाएंगी. अखाड़ा परिषद द्वारा अर्धकुंभ की तैयारियां शुरू की जा चुकी हैं. इस बार साल 2027 में हरिद्वार में लगने वाले अर्धकुंभ में पुरानी परंपरा बदलती हुई दिखेगी. हरिद्वार के अर्धकुंभ में साधु-संन्यासियों, वैरागियों और अखाड़ों के साथ तीन अमृत स्नान होंगे.
कब-कब होंगे अर्धकुंंभ में अमृत स्नान
पहला अमृत स्नान 6 मार्च 2027 को महाशिवरात्रि के पर्व पर, दूसरा अमृत स्नान 8 मार्च 2027 को सोमवती अमावस्या पर और तीसरा व अंतिम अमृत स्नान 14 अप्रैल 2027 को वैशाखी पर किया जाएगा. वैशाखी के दिन होने वाला अमृत स्नान बहुत ही पावन होगा क्योंकि इस दिन संक्रांति होगी. कुंभ और अर्धकुंभ की परंपरा सदियों की ये परंपरा सदियों से चली आ रही है.
अर्धकुंभ में डुबकी लगाकर श्रद्धालुओं को मिलता है पुण्य
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी की ओर से कहा गया कि प्रयागराज और हरिद्वार में कुंभ और अर्धकुंभ में डुबकी लगाकर श्रद्धालु पुण्य प्राप्त करते हैं. साथ ही श्रद्धालु कामना करते हैं कि उनको मोक्ष की प्राप्ति हो. साल 2027 में हरिद्वार में अर्धकुंभ का योग बन रहा है. यही नहीं उसी साल सिंहस्थ कुंभ का योग भी बन रहा है.
श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि अर्धकुंभ में ऐतिहासिक रूप से सफल हो, इसके लिए देश के सभी साधु संत राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार का पूरा सहयोग करेंगे.