सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून पर आज अपना अंतरिम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की कुछ दलीलों को मानते हुए कुछ धाराओं पर रोक लगा दी है. हालांकि पूरे कानून को रद्द करने से कोर्ट ने साफ तौर पर मना कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला सामने आने के बाद कई मुस्लिम नेताओं ने खुशी जाहिर की है. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट बेंच का निर्णय भारतीय लोकतंत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है. वक्फ संशोधन विधेयक के प्रावधानों से मुस्लिम समुदाय को व्यापक रूप से लाभ मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से पूरी तरह संतुष्ट हूं.
पूरे मामले पर क्या बोले रिजिजू?
किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में अधिनियम के प्रावधानों और उसकी मंशा और सरकार की सोच को विस्तार से प्रस्तुत किया है. कोर्ट को बताया कि इन कानूनों को लेकर सरकार की क्या सोच है. हमारी बात को सुप्रीम कोर्ट ने समझा है. मेरा मानना है कि सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने जो भी फैसला दिया है, वह हमारे लोकतंत्र के लिए बहुत अच्छा संकेत है. उन्होंने कहा कि हम एक प्रैक्टिसिंग मुस्लिम के मामले को देखेंगे और नियमों में क्या शामिल किया जाना चाहिए.
जो कानून पारित किया गया है वह एक वैध कानून – जगदंबिका पाल
वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर, वक्फ (संशोधन) विधेयक की संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, “आज सुप्रीम कोर्ट ने उस संशोधन अधिनियम को अपनी मंजूरी दे दी है, जिसे लोकसभा और राज्यसभा में 14 घंटे की चर्चा और संयुक्त संसदीय समिति में छह महीने तक चली चर्चा के बाद विधानमंडल द्वारा पारित किया गया था.
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि जो कानून पारित किया गया है वह एक वैध कानून है. इसके कुछ प्रावधानों पर रोक लगाई गई है. सरकार उस पर ज़रूर विचार करेगी और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में उस पर कार्रवाई करेगी. जहां तक पांच साल तक इस्लाम धर्म का पालन करने की बात है, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम फिलहाल इस पर रोक लगा रहे हैं, जब तक कि राज्य इस पर कोई नियम नहीं बना देता”