जमुई : खैरा प्रखंड अंतर्गत खडाईच पंचायत सरकार भवन के समक्ष सोमवार को भाकपा (माले) के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने अनिश्चितकालीन धरना दिया. किसानों का आरोप है कि राजस्व महाअभियान के नाम पर गरीबों से जबरन नजराना और पैसा वसूला जा रहा है। इस दौरान किसानों ने अपनी चार सूत्री मांगों को लेकर जमकर प्रदर्शन किया.
धरना की अध्यक्षता भाकपा (माले) के जिला सचिव शम्भू शरण सिंह ने की, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में भाकपा (माले) के युवा नेता बाबू साहब सिंह उपस्थित रहे. सिंह ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार की सरकार को दो दशक हो चुके हैं. उन्होंने भूमि सुधार की बड़ी-बड़ी बातें की थीं और इसी उद्देश्य से डी. बंधोपाध्याय आयोग का गठन किया गया था. आयोग की रिपोर्ट में 21 लाख एकड़ जमीन—सिलिंग से फाजिल, बेनामी, भूदान तथा मालिक गैरमजर जमीन—भूमिहीनों और गरीबों में बांटे जाने की सिफारिश की गई थी. लेकिन सच्चाई यह है कि भूमिहीनों को जमीन न देकर फर्जी कागजात बनाकर लाखों एकड़ भूमि भूमाफियाओं के कब्जे में पहुंचा दी गई. आज सरकार भूमाफिया के सामने कठपुतली बन चुकी है.
बाबू साहब सिंह ने कहा कि सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए 16 अगस्त से 20 सितम्बर तक “राजस्व महाअभियान” चला रही है और किसानों से जमीन का साक्ष्य मांगा जा रहा है. जबकि रजिस्टर-2, खतियान और केवला जैसे सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज सरकार के पास पहले से ही उपलब्ध हैं. फिर कंप्यूटरकृत जमाबंदी लागू करने में देरी क्यों की जा रही है, इस पर सरकार को जवाब देना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि अब महाअभियान के बहाने दाखिल-खारिज और परिमार्जन के नाम पर किसानों से मोटी रकम वसूली जा रही है, जिसे भाकपा (माले) किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगी. अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला सचिव मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि राजस्व महाअभियान किसानों को संगठित रूप से लूटने का जरिया बन गया है. उन्होंने मांग की कि हल्का कर्मचारियों द्वारा दी गई रसीद के आधार पर सभी छूटे हुए कर को ऑनलाइन कर तुरंत कंप्यूटरकृत जमाबंदी लागू की जाए. भूमि से संबंधित हर समस्या का समाधान शिविर में ही किया जाना चाहिए.
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार किसानों की मांगों को नजरअंदाज करती रही तो जिले में बड़ी किसान गोलबंदी के साथ जिला मुख्यालय पर व्यापक आंदोलन किया जाएगा.धरना में किसान नेता वासुदेव राय, कृष्ण कुमार मालाकार, मोहम्मद हैदर, किरण गुप्ता, विजय शाह, बनी शाह, शिवेंद्र यादव, अंजनी शाह, अनिल विश्वकर्मा, बवन यादव सहित सैकड़ों किसान-मजदूर मौजूद थे.