कानपुर के काकादेव थाना क्षेत्र में एक 19 वर्षीय छात्रा ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. यह घटना सपा विधायक अमिताभ बाजपेई के रानीगंज स्थित हॉस्टल में हुई. मृतका की पहचान फर्रुखाबाद निवासी पलक धर के रूप में हुई है, जो छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में रेडियोलॉजी की छात्रा थी. पलक ने अपनी छोटी बहन और रूम पार्टनर को दवा लेने के लिए बाहर भेज दिया था, जिसके बाद उसने यह कदम उठाया.
दरवाजा तोड़ने पर दिखा दर्दनाक नजारा
जब पलक की बहन दीप्ति और रूम पार्टनर आराध्या वापस लौटीं, तो उन्होंने कमरे का दरवाजा बंद पाया. कई बार आवाज लगाने और फोन करने पर भी जब कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने हॉस्टल की अन्य छात्राओं और वॉर्डन को इसकी सूचना दी. अनहोनी की आशंका पर पुलिस को बुलाया गया. पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो पलक पंखे से लटकी हुई मिली. घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. घटना रविवार रात को हुई.
मानसिक तनाव को बताया जा रहा कारण
इंस्पेक्टर राजेश शर्मा के अनुसार, शुरुआती जांच में पता चला है कि छात्रा लंबे समय से डिप्रेशन और एंग्जाइटी की दवाइयां ले रही थी. पुलिस का मानना है कि मानसिक तनाव के कारण ही उसने यह कदम उठाया. पलक के पिता डॉ. अभेदु कुमार धर फर्रुखाबाद में हृदय रोग विशेषज्ञ हैं. बेटी की मौत की खबर मिलते ही उनका परिवार सदमे में है और शोक में डूबा हुआ है.
पुलिस कर रही है आगे की जांच
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ की जा रही है. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर किस वजह से पलक इतनी परेशान थी कि उसे इतना बड़ा कदम उठाना पड़ा. इस घटना ने एक बार फिर से छात्रों के बीच मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया है.