30 पैसे किलो प्याज से बेहाल किसान, कुरनूल मंडी में फसल हो रही बर्बाद

आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में प्याज किसानों की हालत बेहद खराब हो गई है। मंडी में प्याज की कीमतें इतनी गिर गई हैं कि एक किलो प्याज मात्र 30 पैसे में बिक रहा है। हालात यह हैं कि व्यापारी खरीदारी करने से बच रहे हैं और नीलामी में बोली तक नहीं लग रही। किसान मजबूर होकर अपनी फसल मंडी या सड़क किनारे फेंक रहे हैं, क्योंकि उन्हें लागत तक वसूल नहीं हो पा रही।

पिछले साल प्याज की कीमतें 6,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई थीं, जबकि इस बार किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। लगातार बारिश से प्याज की फसल सड़ने लगी है, जिससे संकट और गहरा गया है। अनुमान है कि करीब 2 करोड़ रुपये की प्याज पहले ही खराब हो चुकी है।

सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए मार्कफेड के जरिए प्याज की खरीद शुरू की है। समर्थन मूल्य 1,200 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है और अब तक लगभग 5,000 टन प्याज खरीदा गया है। इसमें से करीब 2,000 टन प्याज राज्य के अन्य हिस्सों और हैदराबाद भेजा गया है, जबकि शेष 3,000 टन मंडियों में पड़ा हुआ है। खरीदी गई प्याज को नीलामी के जरिए व्यापारियों को बेचा जा रहा है। न्यूनतम कीमत 30 रुपये प्रति क्विंटल रखी गई है, यानी एक किलो 30 पैसे। इसके बावजूद व्यापारी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे।

वहीं, दिल्ली की आजादपुर मंडी में 15 सितंबर को प्याज की कीमत 500 से 1,750 रुपये प्रति क्विंटल रही। यह तुलना साफ दिखाती है कि कुरनूल में किसानों को औने-पौने दाम पर प्याज बेचना पड़ रहा है।

स्थानीय किसानों का कहना है कि वे मेहनत और लागत के बावजूद कुछ भी हासिल नहीं कर पा रहे। कई किसानों ने अपनी उपज सड़क किनारे छोड़ दी है। उनका आरोप है कि समर्थन मूल्य पर खरीद सीमित है और सबको लाभ नहीं मिल पा रहा।

कुल मिलाकर, कुरनूल का प्याज संकट किसानों के लिए खून के आंसू रोने जैसी स्थिति बन गया है। अगर जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए तो बड़ी संख्या में किसान आर्थिक तंगी का शिकार हो सकते हैं।

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