महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने माफी मांगी है. इसके साथ ही उन्होंने जल्द से जल्द एक बड़ी मूर्ति बनाने का ऐलान किया है. एकनाथ शिंदे के माफी मांगने से पहले सूबे के डिप्टी सीएम अजित पवार ने भी महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगी थी.
वहीं, अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने आज छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने पर पूरे राज्य में मौन विरोध प्रदर्शन किया और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
हालांकि इस मामले में विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार पर निशाना साधा है. विपक्षी नेताओं ने बुधवार को ऐलान किया था कि 1 सितंबर को एमवीए मुंबई में विरोध मार्च निकालेगी, जबकि सत्तारूढ़ एनसीपी ने भी कहा कि वह गुरुवार को राज्य के हर जिले और तहसील में मौन विरोध प्रदर्शन करेगी और उसी स्थान पर योद्धा राजा की एक मजबूत और बड़ी प्रतिमा स्थापित करने की मांग करेगी.
अजित गुट की एनसीपी ने किया विरोध प्रदर्शन
पीटीआई के मुताबिक अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन किया. स्थानीय नेताओं ने तहसीलदारों और जिला कलेक्टरों को मांगों का ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें मूर्ति की खराब गुणवत्ता के लिए जिम्मेदार मूर्तिकार और अन्य लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई. एनसीपी का विरोध इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि एनसीपी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के तीन घटकों में से एक है.
‘शिवाजी महाराज की मूर्ति का गिरना दर्दनाक’
अजित पवार की जनसमन यात्रा के दौरान नांदेड़ में एनसीपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा कि शिवाजी महाराज की मूर्ति का गिरना दर्दनाक था, उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने इस घटना के खिलाफ विरोध करने का फैसला किया क्योंकि सभी को ऐसा करने का अधिकार है. लोकतंत्र में सभी को आंदोलन करने का अधिकार है. हम भी इसके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. बता दें कि बुधवार को आदित्य ठाकरे के राजकोट किले के दौरे के दौरान शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों की भाजपा नेता नारायण राणे से भिड़ंत को लेकर तटकरे ने कहा कि नारायण राणे का बयान अनुचित है, हालांकि मूर्ति गिरने की घटना दर्दनाक है, लेकिन इस तरह की भाषा एक जिम्मेदार नेता को शोभा नहीं देती. यह महाराष्ट्र की संस्कृति के अनुरूप नहीं है.
NCP ने की मूर्ति के पुनर्निर्माण की मांग
पुणे में एनसीपी की शहर इकाई ने शिवाजीनगर इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के पास विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान एनसीपी की शहर इकाई के अध्यक्ष दीपक मानकर ने राज्य सरकार से जल्द से जल्द मूर्ति का पुनर्निर्माण करने की मांग की. उन्होंने कहा कि हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज गर्व की बात है और हमारी पहचान का प्रतीक हैं. मूर्ति गिरने पर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि पार्टी प्रमुख अजीत पवार ने भी इस घटना की निंदा की है.
जांच के लिए कमेटी का गठन किया जा रहाः नौसेना
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर भारतीय नौसेना का बयान भी सामने आया है. इसमें कहा गया है कि हम प्रतिमा की मरम्मत कराने, प्रतिमा को जल्द से जल्द स्थापित कराने के लिए जरूरी सहायता मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं. नौसेना ने कहा कि मालवन में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने की जांच के लिए भारतीय नौसेना के अधिकारियों, राज्य सरकार के प्रतिनिधियों और तकनीकी विशेषज्ञों की अध्यक्षता में एक संयुक्त तकनीकी समिति का गठन किया जा रहा है. बुधवार देर रात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य सरकार और भारतीय नौसेना के शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक की. नौसेना ने कहा कि प्रतिमा का अनावरण नौसेना दिवस समारोह पर किया गया, जो सिंधुदुर्ग जिले में पहली बार आयोजित किया गया था.