बांसवाड़ा: आदिवासी बहुल दक्षिण राजस्थान का बांसवाड़ा जिला अब देश के ऊर्जा मानचित्र पर चमकने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शीघ्र ही यहां अणु शक्ति विद्युत केन्द्र का उद्घाटन करेंगे. यह परियोजना न केवल जिले बल्कि मध्यप्रदेश और गुजरात की सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास में भी मील का पत्थर साबित होगी.
चार यूनिटों से होगी बिजली आपूर्ति :
इस परमाणु ऊर्जा परियोजना में कुल चार यूनिटें स्थापित की जाएंगी. विशेषज्ञों के अनुसार इन यूनिटों से स्वच्छ और स्थायी ऊर्जा का उत्पादन होगा, जो राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात की बिजली जरूरतों को पूरा करने में मददगार होगा. उद्योगों को स्थिर बिजली मिलने से निवेश और रोजगार की राह भी खुलेगी.
रोजगार की अपार संभावनाएं :
परियोजना के निर्माण और संचालन से हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा. स्थानीय लोगों के अनुसार, अब तक जिले में बड़े उद्योगों का अभाव रहा है.
“यह परियोजना हमारे युवाओं को रोजगार और जिले को पहचान दोनों देगी,” – एक स्थानीय नागरिक ने उत्साह व्यक्त करते हुए कहा.
निर्माण कार्य के दौरान प्रत्यक्ष नौकरियों के साथ-साथ होटल, परिवहन और सामग्री आपूर्ति जैसे क्षेत्रों में अप्रत्यक्ष रोजगार भी सृजित होंगे.
उद्योग और पर्यटन को मिलेगा बल :
विशेषज्ञों का कहना है कि यह परियोजना बांसवाड़ा के आर्थिक और सामाजिक ढांचे को बदल देगी. पर्याप्त बिजली आपूर्ति से उद्योग-धंधों का विस्तार होगा, वहीं अवसंरचना विकास से पर्यटन क्षेत्र को भी गति मिलेगी.
“ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में यह बड़ा कदम है. इससे उद्योग और पर्यटन दोनों को नया जीवन मिलेगा,” – ऊर्जा क्षेत्र के एक विशेषज्ञ का कहना है.
उम्मीदों की नई रोशनी :
प्रधानमंत्री मोदी के उद्घाटन कार्यक्रम का लोगों में बेसब्री से इंतजार है. यह परियोजना न केवल दक्षिण राजस्थान बल्कि पड़ोसी राज्यों के लिए भी विकास और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा योगदान देने वाली है.