झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। सरबिजा गांव में रविवार को कमल का फूल तोड़ने के चक्कर में तालाब में उतरी पांचवी कक्षा की छात्रा की डूबकर मौत हो गई। इस घटना ने पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, 12 वर्षीय हसीता दास अपने दो दोस्तों के साथ गांव में घूमने निकली थी। इस दौरान उन्होंने तालाब में खिला एक सुंदर कमल का फूल देखा। हसीता फूल तोड़ने के लिए बिना सोचे-समझे तालाब में उतर गई। लेकिन अचानक उसका पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चली गई।
बाहर खड़ी उसकी दोनों सहेलियां यह दृश्य देखकर घबरा गईं। उन्होंने तुरंत गांव जाकर परिवार वालों और ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी। लोग भागकर तालाब पहुंचे और बच्ची को बाहर निकाला। आनन-फानन में उसे चाईबासा के सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना के बाद से गांव में शोक का माहौल है। मासूम बच्ची की इस तरह मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। ग्रामीणों ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि बच्चों को अकेले तालाब या नदी के पास जाने से रोकना जरूरी है।
यह कोई पहली घटना नहीं है। अप्रैल 2025 में गढ़वा जिले के हरैया गांव में भी चार बच्चियां तालाब में नहाने के दौरान डूब गई थीं। उस हादसे के बाद से प्रशासन ने सतर्कता बरतने की अपील की थी, लेकिन इस बार फिर लापरवाही ने मासूम की जान ले ली।
ऐसी घटनाओं से साफ है कि ग्रामीण इलाकों में बच्चों की सुरक्षा के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है। तालाब और नदी जैसे जलाशयों पर सुरक्षा इंतजाम बढ़ाना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की दुखद घटनाओं को रोका जा सके।