कवर्धा जिले में नेर्रा नदी में अचानक आई बाढ़ ने रेत खनन के दौरान कार्यरत ट्रैक्टर और उसके चालक को बहा दिया। हालांकि, कई घंटों की मशक्कत के बाद चालक को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और ग्रामीणों में भय और सावधानी की चेतावनी पैदा कर दी है।
कबीरधाम जिले के वनांचल क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। तरेगांव थाना क्षेत्र के छूमरछापर गांव में रेत खनन का काम कर रहे मजदूरों में से ज्यादातर सुरक्षित स्थान पर निकल गए, लेकिन एक ट्रैक्टर चालक गाड़ी सहित पानी में फंस गया। स्थानीय लोगों और ग्रामीणों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और रस्सी की मदद से चालक को सुरक्षित निकाला गया।
बारिश और बाढ़ से जनजीवन प्रभावित हुआ है। वनांचल क्षेत्रों में कई गांवों में सड़कें जलमग्न हो गईं और बिजली व्यवस्था ठप हो गई, जिससे अंधेरा और परेशानियां बढ़ गईं। ग्रामीणों के लिए नदी पार करना खतरनाक साबित हो रहा है, लेकिन लोग बच्चों को लेकर भी नदी नाले पार कर जोखिम उठाते देखे गए।
हाल ही में इसी जिले में पंडरिया ब्लॉक के कुकदूर थाना क्षेत्र में एक पांच साल के बच्चे को नदी पार करते समय बहा दिया गया था, जिसका शव बाद में बरामद हुआ। विशेषज्ञों ने लोगों को नदी पार करते समय सतर्क रहने और केवल उथले और धीमे बहाव वाले स्थानों का उपयोग करने की सलाह दी है।
बाढ़ से बस्तर और कोरिया जिलों में भी हालात बिगड़ गए हैं। सड़कों पर पेड़ गिरने और पुल बहने की घटनाओं ने ग्रामीणों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। कई स्थानों पर स्थानीय लोगों ने श्रमदान करके अस्थायी समाधान निकाले हैं।
जिला प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में राहत कार्य शुरू कर दिए हैं और बाढ़ प्रभावितों को मुआवजा देने की प्रक्रिया भी चल रही है। ग्रामीणों को आगाह किया गया है कि नदी और नालों में बाढ़ के दौरान जोखिम न उठाएं और सरकारी निर्देशों का पालन करें।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लगातार बारिश और उफान से ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन और संपत्ति पर गंभीर खतरा रहता है। प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर ही इस प्राकृतिक संकट से बचाव कर सकते हैं।