नारायणपुर जिले के ओरछा क्षेत्र में एक युवक के प्राइवेट पार्ट में लोहे की अंगूठी फंसने का मामला सामने आया। युवक को झोलाछाप डॉक्टर ने बीमार ठीक करने के नाम पर अंगूठी पहनने की सलाह दी थी। कुछ दिनों तक अंगूठी पहनने के बाद सूजन और संक्रमण बढ़ गया, जिससे युवक गंभीर स्थिति में जिला अस्पताल पहुंचा।
युवक अबूझमाड़ के जाटलूर इलाके का रहने वाला है। उसकी उम्र लगभग 30 से 35 साल बताई जा रही है। कुछ दिनों से बीमार होने के कारण उसने इलाज के लिए इलाके के झोलाछाप डॉक्टर के पास गया। झोलाछाप डॉक्टर ने कहा कि लोहे की अंगूठी पहनने से जल्दी ठीक हो जाएगा। इसके बाद युवक ने बाजार से अंगूठी खरीदी और अपने प्राइवेट पार्ट में पहन ली।
अंगूठी पहनने के 5-6 दिनों के भीतर प्राइवेट पार्ट में सूजन आ गई और दर्द बढ़ने लगा। जब युवक वापस झोलाछाप डॉक्टर के पास गया, तो उसने इलाज करने से मना कर दिया। इसके बाद युवक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गया, लेकिन वहां संसाधन पर्याप्त नहीं होने के कारण जिला अस्पताल भेजा गया। खराब सड़क और एम्बुलेंस न होने के कारण वह 8 सितंबर को ही जिला अस्पताल पहुंच पाया।
नारायणपुर जिला अस्पताल के डॉक्टर धनराज सिंह डरसेना, शुभम राय और हिमांशु सिन्हा की टीम ने युवक का इलाज किया। डॉक्टरों ने बताया कि अंगूठी प्राइवेट पार्ट में फंसी होने के कारण सूजन और संक्रमण फैल चुका था। डॉक्टर्स की कड़ी मशक्कत और सावधानीपूर्वक प्रक्रिया के बाद अंगूठी निकालने में सफलता मिली।
डॉक्टरों ने चेतावनी दी कि झोलाछाप डॉक्टरों की सलाह पर ऐसे नुस्खे अपनाना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। समय रहते चिकित्सकीय मदद लेना जरूरी है, अन्यथा गंभीर जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस मामले में युवक की जान बच गई और उसकी स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है।
इस घटना ने स्थानीय लोगों और स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए चेतावनी का काम किया है। जिले में झोलाछाप इलाज के कारण उत्पन्न होने वाले खतरों और गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं पर प्रशासन की नजर अब और सतर्क हो गई है।