बिलासपुर में दशहरा उत्सव को लेकर प्रशासन की अनुमति न मिलने पर अरपांचल लोक मंच और सर्व हिंदू समाज ने जमकर विरोध किया। सरकंडा स्थित साइंस कॉलेज मैदान में रावण दहन कार्यक्रम आयोजित न किए जाने के फैसले से नाराज लोगों ने भजन-कीर्तन करते हुए रैली निकाली। रैली नूतन चौक से शुरू होकर महामाया चौक और नेहरू चौक होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची, जहां हनुमान चालीसा का पाठ किया गया।
रैली में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और बारिश के बावजूद उन्होंने भजन-कीर्तन और नारेबाजी जारी रखी। समिति के अध्यक्ष सुधांशु मिश्रा और सचिव अतुल सिंह ने बताया कि पिछले कई सालों से अरपांचल लोक मंच द्वारा साइंस कॉलेज मैदान में रावण दहन का कार्यक्रम होता रहा है, लेकिन इस बार नियमों के विपरीत किसी अन्य व्यक्ति को अनुमति दे दी गई। इसके चलते समिति और सर्व हिंदू समाज में आक्रोश उत्पन्न हुआ।
कांग्रेस के ग्रामीण जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि धार्मिक सद्भाव और रामकाज को रोकने का कोई अधिकार किसी नेता या मंत्री को नहीं है। उन्होंने प्रशासन के इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि अगर रावण दहन की अनुमति नहीं दी गई तो पार्टी विरोध प्रदर्शन के लिए जेल जाने को भी तैयार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह मांग राजनीतिक नहीं बल्कि स्थानीय लोगों की मदद के लिए है।
इस मामले में कलेक्टर संजय अग्रवाल ने समझाइश के बाद स्थिति को नियंत्रित किया। उन्होंने बताया कि एसडीएम की ओर से परमिशन दी जाती है और सभी तथ्य की जांच की जाएगी। समझाइश के बाद रैली में शामिल लोग शांत होकर अपने घर लौट गए।
बिलासपुर में धार्मिक आयोजनों के लिए अनुमति न मिलने के कारण उत्पन्न यह विवाद प्रशासन और स्थानीय समाज के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती को दर्शाता है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नियमों का पालन सभी के लिए समान रूप से किया जाएगा और किसी भी प्रकार की भेदभावपूर्ण कार्रवाई नहीं होगी।
स्थानीय लोगों और आयोजकों ने भी प्रशासन से आग्रह किया कि भविष्य में धार्मिक आयोजनों के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाए ताकि किसी प्रकार की असहमति या विवाद उत्पन्न न हो। दशहरा उत्सव को लेकर यह घटना दर्शाती है कि धार्मिक आयोजनों में स्थानीय समुदाय और प्रशासन के बीच तालमेल बनाए रखना कितना आवश्यक है।