“मेरी पहुंच प्रमुख सचिव तक है. जहां शिकायत करना हो कर लो. प्रमुख सचिव से मिलकर मामला रफा-दफा कर लूंगा”… ये बोल अंबेडकरनगर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के हैं, जिन पर अपने बाबू को आगे कर उसके माध्यम से क्लीनिक का लाइसेंस रिन्यूअल करने के नाम पर डेढ़ लाख रुपए का रिश्वत मांगने का आरोप है. रिश्वत मांगने वाले सीएमओ के खिलाफ डीएम ने तीन सदस्यीय मजिस्ट्रेटी जांच बैठा दी है. अब एडीएम की अध्यक्षता में एक जॉइंट मजिस्ट्रेट और एक एसडीएम स्वास्थ्य विभाग और सीएमओ संजय कुमार शैवाल के भ्रष्ट कारनामों की जांच करेंगे.
अंबेडकरनगर में स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. क्लीनिक का लाइसेंस रिन्यूअल करने के नाम पर एक लाख 60 हजार की मांग की गई. जिले के जलालपुर थाना क्षेत्र के निवासी सलिल ने डीएम अनुपम शुक्ला को पत्र देकर आरोप लगाया था कि उनके भाई सौरभ के प्रखर डेंटल क्लीनिक का लाइसेंस 2024-25 का बना था, जिसके नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. सलिल का आरोप है कि पांच जुलाई को सभी दस्तावेजों के साथ सीएमओ से मिला था.
मेरी पहुंच प्रमुख सचिव तक- CMO
सीएमओ ने एक सप्ताह के अंदर लाइसेंस जारी करने की बात कही थी. जब लाइसेंस रिन्यूअल नहीं हुआ तो एक सप्ताह बाद फिर सीएमओ से मिला. जिस पर सीएमओ ने कहा कि मेरे स्टेनो महेश से मिल लो. सलिल का आरोप है कि जब महेश बाबू से मिला तो उन्होंने कहा कि एक साल के 30 हजार के हिसाब से पांच साल का डेढ़ लाख सीएमओ को और 10 हजार मुझे दे दो. काम करा दूंगा. जब पैसा नहीं दिया तो क्लीनिक का लाइसेंस आज तक रिन्यूअल नहीं हुआ. सलिल का आरोप है कि सीएमओ कहते हैं कि मेरी पहुंच प्रमुख सचिव तक है, जिससे शिकायत करनी हो कर लो. प्रमुख सचिव से मिलकर मामला रफा-दफा कर लूंगा.
डीएम अनुपम शुक्ला ने बैठाई जांच
सलिल की शिकायत पर डीएम अनुपम शुक्ला ने तीन सदस्यीय मजिस्ट्रेटी जांच के लिए एक टीम बनाई है. एडीएम सदानंद गुप्ता को जांच टीम का अध्यक्ष बनाया है. जांच टीम में अकबरपुर की जॉइंट मजिस्ट्रेट आईएएस अधिकारी प्रतीक्षा सिंह और जलालपुर के एसडीएम न्यायिक डॉ. शशि शेखर को सदस्य बनाया है. डीएम ने जांच टीम को एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. वहीं जांच के संबंध में सीएमओ संजय कुमार शैवाल का कहना है कि मुझे कोई जानकारी नहीं है. अभी सोशल मीडिया पर देखा हूं.