लखनऊ: जिंदगी की जंग हार गया योगेंद्र, सपा ऑफिस के बाहर लगा ली थी आग, 6 दिन बाद मौत

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यालय के सामने आत्मदाह करने वाले युवक की छठे दिन सोमवार को इलाज के दौरान मौत हो गई. अलीगढ़ के भोजपुर इलाके के रहने वाले योगेंद्र गोस्वामी ने 10 सितंबर को सपा ऑफिस के सामने आत्मदाह किया था. सिविल अस्पताल में योगेंद्र का इलाज किया जा रहा था. इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.

गौतमपल्ली थाने में योगेंद्र के मुंहबोले भाई-बहन गुड्डू और असमा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की एफआईआर दर्ज की गई थी. योगेंंद्र 26 साल का था. आरोप है कि योगेंद्र को आरोपी बहन आसमा, भाई गुड्डू व कुछ अन्य अज्ञात लोगों ने आत्मदाह के लिए उकसाया. योगेंद्र 10 सितंबर की दोपहर 3:30 बजे सपा ऑफिस के सामने पहुंचा था.

उधार के पैसे नहीं मिलने से परेशान था युवक

इसके बाद योगेंद्र ने अचानक से खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डाला और स्वंय को आग के हवाले कर दिया. वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह आग बुझाई थी. फिर युवक को अस्पताल में भर्ती कराया था. तीन दबंग भाइयों दानिश वसीम और नाजिम को दिए उधार के पैसे नहीं मिलने से योगेंद्र परेशान था. युवक ने पुलिस को बताया था कि दानिश वसीम और नाजिम ने उससे छह लाख रुपये उधार लिए थे.

अलीगढ़ पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई

रकम वापस मांगने पर तीनों उसको गालियां देते थे. तीनों सट्टेबाजी करते हैं. युवक ने पुलिस को बताया था कि उसने अलीगढ़ पुलिस से भी मामले की शिकायत की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई. इसी से परेशान होकर उसने आत्मदाह का कदम उठाया था. वहीं पुलिस ने बताया कि योगेंद्र गोद लिया गया था. योगेंद्र को आसमां और गुड्डू की मां नूर बानो ने गोद लिया था. योगेंद्र नूर बानो की सहेली का बेटा था. मामले की जांच चल रही है. सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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