टीएसपी क्षेत्र की नौकरियों में फर्जी मूल निवास का मामला, संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री से जांच और सख्त कार्रवाई की मांग

डूंगरपुर: अनुसूचित क्षेत्र (टीएसपी) संघर्ष समिति ने वर्ष 2013 के बाद की सरकारी भर्तियों में फर्जी विशेष मूल निवास प्रमाण पत्र बनाकर गैर-टीएसपी अभ्यर्थियों द्वारा नौकरी हासिल करने का गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. समिति ने कहा कि इससे स्थानीय युवाओं का हक छीना गया है और यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेशभर में जन आंदोलन किया जाएगा.

अनुसूचित क्षेत्र (टीएसपी) संघर्ष समिति संयोजक एडवोकेट विक्रम कटारा ने बताया कि गृह विभाग की अधिसूचना के अनुसार विशेष मूल निवास का हक केवल उन्हीं को है जिनके माता-पिता या पूर्वज 1 जनवरी 1970 से पूर्व अनुसूचित क्षेत्र में निवासरत रहे हों. इसके बावजूद कई गैर-टीएसपी अभ्यर्थियों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकारी नौकरी पाई.

समिति ने मांग की है कि सभी विभागीय प्रकरणों की संभाग स्तर पर सक्षम अधिकारी द्वारा जांच कराई जाए. यदि किसी ने झूठे दस्तावेजों के माध्यम से सरकारी नौकरी पाई है, तो उसे तुरंत निरस्त किया जाए. साथ ही विशेष मूल निवास जारी करने वाले कार्मिकों और अधिकारियों के खिलाफ भी कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए.

संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि सरकार ने उचित कार्रवाई नहीं की तो संभाग स्तर पर धरना-प्रदर्शन और जन आंदोलन किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार व प्रशासन की रहेगी. अनुसूचित क्षेत्र में हो रही इस तरह की लापरवाहियों को लेकर संघर्ष समिति के संयोजक एडवोकेट विक्रम कटारा ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा इस दौरान दिनेश डामोर, वासुदेव कटारा, नारायण बरन्डा, निशांक पांडोर, संगीता सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे.

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