असम में जमीन घोटाले से जुड़ा बड़ा मामला सामने आया है. प्रदेश की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार अवैध कब्जों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है. इसी बीच राज्य की सिविल सेवा अधिकारी नूपुर बोरा को गिरफ्तार किया गया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने बारपेटा जिले में अपनी तैनाती के दौरान गैरकानूनी तरीके से हिंदू परिवारों की जमीन मुसलमानों को दिलवाई. यह मामला अब पूरे राज्य में विवाद का कारण बन गया है.
असम सरकार पिछले कुछ महीनों से अवैध जमीन कब्जों पर कार्रवाई कर रही है. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा खुद कई बार कह चुके हैं कि राज्य में किसी भी कीमत पर गैरकानूनी तरीके से कब्जा की गई जमीन वापस ली जाएगी. इसी अभियान के दौरान नूपुर बोरा का मामला सामने आया. सीएम विजिलेंस टीम ने उन्हें लंबे समय तक पूछताछ के बाद आय से ज्यादा संपत्ति रखने के आरोप में गिरफ्तार किया है. नूपुर बोरा के गुवाहाटी स्थित आवास पर भी छापेमारी में 90 लाख रुपये कैश और 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की किमत के सोने की ज्वैलरी को जब्त किया है.
क्या है आरोप और विवाद?
नूपुर बोरा पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कई हिंदू परिवारों की जमीन मुसलमान परिवारों को अवैध रूप से आवंटित करवाई. यह कदम न केवल प्रशासनिक नियमों के खिलाफ था बल्कि इससे समुदायों के बीच तनाव भी बढ़ा. विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि सरकार को इस तरह के मामलों की पूरी जांच करानी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
आगे की कार्रवाई
फिलहाल नूपुर बोरा को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है. विजिलेंस टीम अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस पूरे मामले में और भी अधिकारी शामिल हैं. सरकार ने साफ संकेत दिए हैं कि किसी भी लेवल पर लापरवाही या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.