22 सितंबर से शुरू हो रहे नवरात्र पर्व को शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से मनाने के लिए पुलिस कंट्रोल रूम में दुर्गोत्सव समितियों के अध्यक्षों और सदस्यों की बैठक ली गई। इस बैठक में समितियों को स्पष्ट और सख्त निर्देश दिए।
दुर्गोत्सव आयोजन के लिए संबंधित अनुविभागीय दंडाधिकारी से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। ध्वनि विस्तारक यंत्रों (साउंड सिस्टम) के उपयोग पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक किसी भी हालत में साउंड सिस्टम का उपयोग नहीं किया जाएगा। डीजे का इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
125 से ज्यादा समिति के पदाधिकारी हुए शामिल
पुलिस कंट्रोल रूम भिलाई में दुर्गोत्सव समितियों के अध्यक्षों और सदस्यों की अध्यक्षता अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) सुखनंदन राठौर ने की। इसमें 125 से अधिक समितियों के पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में आयोजकों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया कि पंडाल और प्रतिमा स्थल की सुरक्षा पूरी तरह से आयोजन समिति की जिम्मेदारी होगी।
समितियों को आयोजन के दौरान पर्याप्त संख्या में स्वयंसेवक (वॉलेंटियर) नियुक्त करने होंगे। रात के समय विशेष रूप से वॉलेंटियर की तैनाती जरूरी होगी। आयोजन स्थल पर 24 घंटे निगरानी व्यवस्था बनाए रखनी होगी। साथ ही पंडाल और पार्किंग स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा।
वॉलेंटियर का सत्यापन जरूरी
बैठक में यह भी कहा गया कि सभी वॉलेंटियर का पुलिस सत्यापन कराना होगा। आयोजन समिति के अध्यक्ष/सदस्यों और वॉलेंटियर्स की सूची संबंधित थाना या चौकी को उपलब्ध करानी होगी। अगर वॉलेंटियर नहीं रखे गए या किसी अप्रिय स्थिति की संभावना बनी तो उसकी पूरी जिम्मेदारी आयोजकों की होगी।
पार्किंग और श्रद्धालुओं के लिए अलग व्यवस्था
ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर भी पुलिस ने सख्त निर्देश दिए। पंडाल के आसपास वाहन खड़ा करने से सड़क पर जाम की स्थिति न बने, इसके लिए अलग से पार्किंग स्थल बनाया जाए। पार्किंग स्थल पर किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा।
यदि शिकायत मिली तो कानूनी कार्रवाई होगी। श्रद्धालु पुरुष, महिलाएं और बच्चों के आने-जाने का मार्ग अलग-अलग रखने की सलाह दी गई। झांकियों में भी आगमन और निर्गम के लिए पर्याप्त द्वार बनाए जाने होंगे।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और विसर्जन पर दिशा-निर्देश
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जानकारी एक दिन पहले संबंधित थाना या चौकी को देना आवश्यक होगा। किसी भी आयोजन में ऐसा कार्यक्रम न हो जिससे किसी व्यक्ति, जाति, धर्म या समुदाय की भावनाएं आहत हों। प्रतिमा विसर्जन केवल प्रशासन की ओर से निर्धारित नदी-तालाबों में ही किया जाएगा और तय समय पर ही सम्पन्न कराया जाएगा।
विवाद की स्थिति में तत्काल पुलिस को सूचित करें
बैठक में पुलिस अधिकारियों ने सभी समितियों से अपील की कि वे नवरात्रि का पर्व सौहार्द और शांति के साथ मनाएं। किसी भी विवाद या अप्रिय घटना की स्थिति में तत्काल पुलिस को सूचित करने की सलाह दी गई।