बहराइच: देर रात से शुरू हुई सात घंटे की लगातार बारिश ने जिलेभर में दोहरी स्थिति पैदा कर दी. गांव में जहां किसानों के चेहरे खिल उठे व उमस से राहत मिली, तो वहीं शहर के लोगों को जलभराव से जूझना पड़ा. बारिश में घर गिरने, पेड़ धराशायी होने और जलभराव से लोगों की मुश्किलें बढ़ गईं.
शहर के सिविल लाइंस क्षेत्र में लोग जलभराव से जूझे, महिला अस्पताल के सामने भी जलभराव रहा. बिछिया क्षेत्र में बारिश के दौरान बिछिया-निशानगाड़ा मार्ग पर पेड़ गिरने से जाम लग गया. एसएसबी जवानों ने कुल्हाड़ी और रस्से की मदद से पेड़ को हटाया, तब जाकर यातायात बहाल हो सका.
ग्राम पंचायत चरदा के मजरा जमोग निवासी छोटू का कच्चा मकान तेज बारिश में ढह गया. परिवार अब खुले आसमान के नीचे रहने के लिए मजबूर है. पीड़ित ने राजस्व विभाग से तत्काल राहत और आवास की मांग की है. रिसिया क्षेत्र में बारिश के कारण मोहल्लों और रेलवे अंडरपास में पानी भर गया. बारिश होते ही बिजली आपूर्ति ठप हो जाने से 30 हजार की आबादी प्रभावित हुई.
हुजूरपुर में बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे. उनका कहना है कि सिंचाई की समस्या दूर हो गई है और अब यूरिया मिलने से फसलें बेहतर होंगी. किसान रामसेवक ने कहा कि अगर यूरिया की एक बोरी मिल जाए, तो किस्मत ही बदल जाएगी. हालांकि, लगातार हो रही बारिश से जलभराव की समस्या भी बढ़ रही है.
सीएचसी चरदा में बारिश ने हालात बिगाड़ दिए. अस्पताल परिसर घुटनों तक पानी में डूब गया. मरीज और तीमारदार गंदे पानी से होकर गुजरने को मजबूर हुए. अधीक्षक डॉ. महेश विश्वकर्मा ने बताया कि कई बार बीडीओ को पत्र भेजा गया, लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है. विशेश्वरगंज, गंगवल बाजार में भी जलभराव से लोगों को समस्या हुई.
व्यापारियों को भारी नुकसान
भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र रूपईडीहा में नेशनल हाईवे 927 पर निकासी न होने से कस्बे में पानी भर गया. व्यापारियों का कहना है कि इससे उन्हें पांच से 10 लाख रुपये तक का नुकसान हुआ है. नगर पंचायत चेयरमैन डॉ. उमाशंकर वैश्य ने बताया कि जलनिकासी की व्यवस्था को लेकर कई बार हाईवे अधिकारियों से चर्चा हुई, लेकिन ठोस कदम अभी तक नहीं उठाया गया.