सफाईकर्मी को आयकर विभाग का 1.20 करोड़ का नोटिस, भरोसे में पैन कार्ड देना पड़ा भारी

बालाघाट जिले में आदिवासी आश्रम में कार्यरत एक सफाईकर्मी को आयकर विभाग की ओर से 1.20 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा गया है। हर महीने केवल पांच हजार रुपये वेतन पाने वाले संतोष चौधरी और उनके परिवार पर यह नोटिस किसी बड़े झटके से कम नहीं है। विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि यह रकम जमा नहीं की गई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

संतोष चौधरी को यह दूसरा बड़ा नोटिस मिला है। इससे पहले वर्ष 2024 में उन्हें 55 लाख रुपये का नोटिस भेजा गया था। उस समय उन्होंने पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर बताया था कि उनके पैन कार्ड का फर्जीवाड़े में इस्तेमाल हुआ है। छिंदवाड़ा के एक शोरूम से हुए 55 लाख रुपये के लेनदेन का उल्लेख उनके पैन कार्ड पर दर्ज किया गया था, जबकि उन्होंने कभी ऐसा कोई सौदा नहीं किया। बावजूद इसके, मामला सुलझ नहीं पाया और अब विभाग ने उन्हें ब्याज और हर्जाना मिलाकर 1.20 करोड़ रुपये का नया नोटिस थमा दिया है।

संतोष का कहना है कि यह सब एक बड़ी भूल की वजह से हुआ। उन्होंने कुछ साल पहले अपने गांव के पूर्व सरपंच अजय यादव को गाड़ी खरीदने के लिए पैन कार्ड दिया था। सरपंच ने गाड़ी की किस्तें तो जमा कीं, लेकिन पैन कार्ड का दुरुपयोग हो गया। अब संतोष को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। उनका कहना है कि उन्होंने भरोसे में पैन कार्ड दिया और आज उसी भरोसे ने उनके जीवन में संकट खड़ा कर दिया है।

संतोष के पास न तो कोई संपत्ति है और न ही महंगी गाड़ियां। उनका परिवार आश्रम परिसर में एक कमरे में रहता है और उनके पास केवल एक पुराना दोपहिया वाहन है। वेतन से मुश्किल से घर का खर्च चलता है। ऐसे में करोड़ों रुपये का नोटिस उनके लिए असंभव बोझ बन गया है।

संतोष लगातार आयकर विभाग के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं और विभाग से अपील कर रहे हैं कि उनके पैन कार्ड से हुई धोखाधड़ी की जांच की जाए। परिवार का कहना है कि यदि इस मामले का समाधान नहीं हुआ तो उनके जीवन पर गहरा संकट छा जाएगा। यह घटना भरोसे में पैन कार्ड या किसी भी दस्तावेज देने से होने वाले खतरों की गंभीर चेतावनी है।

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