सिंगरौली जिले के पूर्वी सरई वन क्षेत्र के खनुआ जंगल में मंगलवार शाम एक भालू के हमले में दो लोगों की मौत हो गई और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। जानकारी मिलने पर वन विभाग और पुलिस की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। घटना से पूरे इलाके में भय का माहौल बन गया।
मृतकों में एक शिक्षक और एक ग्रामीण शामिल हैं। शिक्षक इलाके के स्थानीय विद्यालय में पढ़ाते थे। बताया गया है कि शिक्षक को बचाने के लिए एक चरवाहा दौड़ा, लेकिन भालू ने उस पर हमला कर दिया, जिससे उसकी भी जान चली गई। घायल व्यक्ति को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर भालू को पकड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके लिए ट्रैप और अन्य साधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। अधिकारियों ने ग्रामीणों को जंगल के आसपास जाने से बचने की चेतावनी दी है और लोगों से अपील की है कि वे बच्चों को भी अकेला न छोड़ें।
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह क्षेत्र भालू की गतिविधियों के लिए जाना जाता है। पिछले कुछ महीनों में कई बार भालू की उत्पत्ति और हमलों की खबरें सामने आई हैं। वन विभाग ने अब इस इलाके में निगरानी बढ़ा दी है और नियमित गश्त की योजना बनाई है।
पुलिस ने बताया कि भालू के हमले में मृतकों के परिजनों को तत्काल सूचना दे दी गई है। वन विभाग ने भी प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अलावा, वन रक्षक और स्थानीय पुलिस मिलकर इलाके में सुरक्षा बढ़ा रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन ने स्कूलों और अन्य सार्वजनिक स्थानों के आसपास सतर्कता बढ़ा दी है। जंगल के पास कृषि कार्य कर रहे किसानों को भी भालू के अचानक हमला करने से बचने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
घटना की जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि भालू क्यों इतना आक्रामक हो गया। वन विभाग का कहना है कि अक्सर जंगल में भोजन की कमी और प्राकृतिक आवास में बदलाव के कारण भालू इंसानों के करीब आते हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी भालू को उकसाने या उसके पास जाने की कोशिश न करें।
इस भयानक घटना ने सिंगरौली में वन्यजीव और मानव के बीच संतुलन की चुनौती को फिर से उजागर कर दिया है। ग्रामीण और प्रशासन मिलकर इलाके में सुरक्षा उपायों को और कड़ा करने की योजना बना रहे हैं।