बिलासपुर जिले के टाटीधार, खोंगसरा, मोहली, आमागोहन और तुलुफ गांव के सरपंचों ने कलेक्टर संजय अग्रवाल से मुलाकात कर अपने गांव में सहकारी बैंक की शाखा खोलने की मांग रखी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में उन्हें अपने धान और अन्य फसलों के पैसे लेने के लिए 70 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है, जिससे समय और मेहनत दोनों की हानि होती है।
सरपंचों ने कहा कि गांव में बैंक शाखा होने से ग्रामीणों को वित्तीय लेन-देन में आसानी होगी और किसानों की परेशानियों में कमी आएगी। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में बैंक से जुड़ी सभी गतिविधियों के लिए उन्हें कई बार लंबा सफर करना पड़ता है, जिससे छोटे किसान और महिलाओं को अधिक कठिनाई होती है।
कलेक्टर से मुलाकात के दौरान 100 से ज्यादा ग्रामीण भी मौजूद रहे। उन्होंने कलेक्टर को अपनी समस्याओं और ग्रामीण विकास से जुड़ी बातों से अवगत कराया। जिला पंचायत सीईओ ने भी मौके पर सरपंचों की बात सुनी और सुझाव दिए।
सरपंचों ने कलेक्टर से आग्रह किया कि बैंक शाखा खुलने के बाद ग्रामीणों को आसानी से कृषि कर्ज, जमाकर्ता और अन्य बैंकिंग सुविधाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और महिलाओं को स्व सहायता समूह और बैंकिंग गतिविधियों में शामिल होने में सुविधा होगी।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बैंक शाखा की कमी से लोगों को न सिर्फ समय और मेहनत अधिक लगती है, बल्कि आर्थिक लेन-देन में सुरक्षा का खतरा भी बढ़ जाता है। उन्होंने कलेक्टर से इस मामले को प्राथमिकता देने और जल्द समाधान करने का अनुरोध किया।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए कहा कि उनकी मांग पर विचार किया जाएगा और बैंक शाखा खोलने की प्रक्रिया के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जल्द ही उन्हें राहत मिलेगी और ग्रामीण आर्थिक रूप से अधिक सशक्त होंगे।
इस पहल से यह स्पष्ट हुआ कि गांव के विकास और किसानों की सुविधा के लिए प्रशासन और ग्रामीणों के बीच संवाद आवश्यक है। ग्रामीणों की समस्याओं को सुनना और समय पर समाधान करना प्रशासन की जिम्मेदारी है, जिससे ग्रामीणों का विश्वास प्रशासन पर मजबूत होता है और स्थानीय विकास की दिशा में सकारात्मक कदम बढ़ते हैं।