छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में मिड डे मील के दौरान स्कूली बच्चों को कुत्ते का जूठा खाना परोस दिया गया था। इस मामले में हाईकोर्ट के निर्देश पर कार्रवाई हुई है। प्रभावित 84 बच्चों को राज्य सरकार ने 25-25 हजार मुआवजा दिया है।
मामला पलारी विकासखंड के लच्छनपुर शासकीय मिडिल स्कूल का है। 28 जुलाई को बच्चों को दिए जाने वाले मिड डे मील को कुत्ते ने जूठा कर दिया था। इस घटना को कुछ बच्चों ने देखा और स्कूल प्रबंधन से शिकायत की बावजूद इसके खाना बच्चों को परोस दिया गया था।
जब मामला संज्ञान में आया तो स्कूल प्रबंधन ने खुद फैसला लेते हुए प्रभावित बच्चों को रेबीज का इंजेक्शन भी लगा दिया। जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जान से खिलवाड़ बताया और राज्य सरकार को मुआवजा देने के निर्देश दिए।
ये है पूरा मामला
घटना 29 जुलाई 2025 की है। पलारी ब्लॉक के ग्राम लछनपुर मिडिल स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को दोपहर में जय लक्ष्मी स्व. सहायता समूह की महिलाएं खाना खिला रही थीं, तभी एक आवारा कुत्ता किचन के पास रखी सब्जी को जूठा कर गया। कुछ बच्चों ने यह देखा और शिक्षकों को बताया।
शिक्षकों ने समूह की महिलाओं को जूठी सब्जी बच्चों को परोसने से मना किया। लेकिन महिलाओं ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि कुत्ते ने सब्जी को जूठा नहीं किया है। उन्होंने 84 बच्चों को वही सब्जी परोस दी। परिजनों को यह बात पता चलने पर वे स्कूल पहुंच गए।
बच्चों और शिक्षकों से पूछताछ के बाद पालक और ग्रामीण पास के अस्पताल पहुंचे। वहां प्रभारी डॉ. वीणा वर्मा ने 78 बच्चों को एंटी-रेबीज का एक-एक डोज लगाया।
84 बच्चों ने खाया था खाना
स्कूल में कुल 250 बच्चे हैं, जिनमें से 84 बच्चों ने यह जूठा भोजन खाया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए 2 अगस्त को एसडीएम दीपक निकुंज, बीईओ नरेश वर्मा सहित अधिकारी स्कूल पहुंचे। जहां उन्होंने बच्चों, पालकों, शिक्षकों और समिति के लोगों के बयान दर्ज किए और स्कूल में बना खाना भी खाया।
दोषियों को हटाने की मांग करने लगे ग्रामीण
इस घटना के बाद बात पूरे गांव में फैल गई। ग्रामीण दोषी समूह को हटाने की मांग करने लगे। इस मामले में स्थानीय विधायक संदीप साहू ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बच्चों को एंटी रेबीज का इंजेक्शन कैसे और किनके आदेश पर लगाया गया, इसकी जांच कराने की बात कही। वही पलारी के एसडीएम दीपक निकुंज घटना स्थल पहुंचकर मामले की जांच की।
राज्य शासन को मुआवजा देने के निर्देश
इस गंभीर लापरवाही की खबर मीडिया में आने के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। कोर्ट ने इसे जान से खिलवाड़ बताते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा।
केस की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने राज्य शासन को तुरंत मुआवजा देने के निर्देश दिए। जिसके बाद सभी प्रभावित बच्चों को 25-25 हजार मुआवजा दिया गया।
2 टीचर निलंबित, महिला समूह का ठेका रद्द
घटना के बाद प्रशासन ने स्कूल के प्रधानपाठक और दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया। महिला स्व-सहायता समूह का ठेका भी रद्द किया गया।
सुरक्षा के लिए 78 बच्चों को एंटी रेबीज का टीका लगाया गया था। हाईकोर्ट की इस कार्रवाई से स्पष्ट संदेश गया है कि बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य से किसी तरह का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा।