बिहार: मुजफ्फरपुर के चांदनी चौक स्थित बाबा विश्वकर्मा मंदिर – उत्तर बिहार की आस्था और मोटर मंडी का बड़ा केंद्र

मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर के एनएच-28 पर चांदनी चौक स्थित बाबा विश्वकर्मा मंदिर पूरे उत्तर बिहार के लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है. यह क्षेत्र उत्तर बिहार की सबसे बड़ी मोटर मंडी होने के कारण विभिन्न जिलों से आने वाले लोगों का केंद्र बिंदु बना रहता है. शहर में आने वाले श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए मंदिर अवश्य पहुँचते हैं.

मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य पंडित ललित झा बताते हैं कि यहाँ सालभर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन 17 सितंबर को होने वाली वार्षिक पूजा में विशेष रूप से बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना 1975 में ट्रांसपोर्टर बाबूलाल प्रसाद साह और जीत बहादुर सिंह ने की थी.  वहीं, 1990 में जनसहयोग से मंदिर को वर्तमान स्वरूप दिया गया. मंदिर के संचालन के लिए एक समिति गठित है, जो सभी व्यवस्थाओं का ध्यान रखती है.

समिति के कोषाध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि मंदिर परिसर में बाबा विश्वनाथ का भी मंदिर है. आसपास के विभिन्न मोहल्लों के लोग पूजा-अर्चना के लिए यहाँ आते रहते हैं. वार्षिक पूजा की तैयारियाँ एक महीने पहले से शुरू कर दी जाती हैं.

पूजा के दिन मंदिर और प्रतिमा को रंग-रोगन कर नया रूप दिया जाता है. सुबह 10 बजे से पूजा  होती है, दोपहर 1 बजे सामूहिक हवन  और रात्रि में भजन-कीर्तन का आयोजन होता है. अगले दिन सांस्कृतिक संध्या आयोजित होती है, जो रातभर चलती है. इसके साथ ही मेला भी लगता है और विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष इंतजाम किए जाते हैं.चांदनी चौक की पहचान सिर्फ मंदिर से ही नहीं, बल्कि यहाँ स्थित सैकड़ों मोटर पार्ट्स, गैरेज और लोहे की दुकानों से भी होती है. यह क्षेत्र पूरे उत्तर बिहार की सबसे बड़ी मोटर मंडी के रूप में जाना जाता है. व्यापार और आस्था का यह संगम चांदनी चौक को विशेष पहचान देता है. यह मंदिर श्रद्धा और व्यापार दोनों का केंद्र बन चुका है.

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