एक ही हफ्ते में ISIS के दो बड़े मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है. दोनों पैन इंडिया मॉड्यूल भारत में खिलाफत मॉडल और गजवा-ए-हिंद के एजेंडे पर काम कर रहे थे. जांच एजेंसियों ने खुलासा किया है कि भारत के युवाओं को कट्टरपंथ की राह पर ले जाने के लिए चार कट्टरपंथियों के वीडियो का इस्तेमाल किया जा रहा था, जिसमें मौलाना मसूद अजहर, तारिक मसूद, तारिक जमील और जाकिर नाइक के भड़काऊ वीडियो और बयान शामिल हैं. इनके भड़काऊ वीडियो सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड ऐप्स पर शेयर करके युवाओं का ब्रेनवॉश किया जा रहा था.
पाकिस्तानी हैंडलर सिग्नल जैसे ऐप पर ग्रुप बनाकर युवाओं को जोड़ते थे. पहले वीडियो और संदेशों के जरिए माहौल बनाया जाता था, जिसमें कहा जाता था कि ‘भारत में मुसलमानों पर ज़ुल्म हो रहा है, अगर साथ न दिया तो कयामत आएगी.’ जो युवा इस वीडियो या संदेशों में दिलचस्पी दिखाते थे, उनसे वन-टू-वन बातचीत शुरू हो जाती है.
दिल्ली पुलिस ने किया पहले मॉड्यूल का खुलासा
ISIS के पहले मॉड्यूल का खुलासा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने किया. पुलिस ने झारखंड, तेलंगाना, बेंगलुरु, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में छापेमारी कर इस मॉड्यूल का फंडा फोड़ किया. इस छापेमारी में गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अश्हर दानिश, आफताब कुरैशी, सुफियान अबूबकर खान, मोहम्मद हुजैफ यामन और कामरान कुरैशी शामिल हैं.
इन आरोपियों के पास से बड़ी मात्रा में हथियार और केमिकल बम बनाने का सामान बरामद हुआ. जांच में सामने आया कि ये लोग टारगेट किलिंग और धार्मिक स्थलों पर हमला करने की योजना बना रहे थे.
दूसरे मॉड्यूल पर NIA की कार्रवाई
ISIS का दूसरा मॉड्यूल आंध्र प्रदेश के विजयनगरम से जुड़ा है. इस मामले में NIA ने देशभर के 8 राज्यों के 16 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और दिल्ली शामिल हैं. इस छापेमारी में डिजिटल डिवाइस और कई दस्तावेज बरामद हुए.
बरामद हुए डिजिटल सबूतों से पता चला कि सिराज और समीर नाम के संदिग्ध युवाओं को इंस्टाग्राम, फेसबुक, टेलीग्राम, सिग्नल और अन्य प्लेटफॉर्म्स के जरिए भड़काते थे. पाकिस्तान हैंडलर इन ग्रुप्स में लगातार भड़काऊ वीडियो शेयर करता था.
सऊदी अरब भागने की कोशिश कर रहा था आरोपी
NIA ने पहले ही सिराज और समीर को विजयनगरम से गिरफ्तार कर लिया था. उनके पास से भी केमिकल बम बनाने का सामान मिला था. इस केस में सबसे पहले आरोपी आरिफ हुसैन उर्फ अबू तालिब को 27 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. वह सऊदी अरब के रियाद भागने की कोशिश कर रहा था और नेपाल बॉर्डर के जरिए हथियार सप्लाई की साजिश में शामिल था.
कुल मिलाकर, दोनों मॉड्यूल का खुलासा यह दिखाता है कि पाकिस्तानी हैंडलर सोशल मीडिया और कट्टरपंथी प्रचारकों के वीडियो के जरिए भारत में युवाओं को बरगला रहे हैं और आतंकी हमलों की साजिश रच रहे हैं.