GST कट का नोटिफिकेशन जारी… 22 सितंबर से सस्ती हो रहीं ये चीजें, कंपनियां भी तैयार
केंद्र ने बुधवार को वस्तु और सेवा कर (GST) के नए रेट्स का नोटिफिकेशन जारी कर दी है. ये नई दरें 22 सितंबर से प्रभावी हो रही हैं. वित्त मंत्रालय का यह नोटिफिकेशन GST काउंसिल की 3 सितंबर को हुई 56वीं बैठक में किए गए बड़े बदलाव के बाद आया है और यह 28 जून, 2017 की अधिसूचना का स्थान लेती है.
नोटिफिकेशन के मुताबिक, अब चीजें 22 सितंबर से नए रेट्स के हिसाब से दिए जाएंगे. केंद्र सरकार ने जीएसटी दरों को ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है. अगले कुछ दिनों में हर राज्य जीएसटी के तहत नई दरों को लागू करने के लिए अलग-अलग नोटिफिकेशन जारी करेंगे.
जीएसटी परिषद ने 3 सितंबर की बैठक में इनडायरेक्ट टैक्स के तहत 12% और 28% की दर को समाप्त करते हुए 5% और 18% की दो मुख्य दरों की सिफारिश की थी. काउंसिल ने सिन और लग्जरी वस्तुओं के लिए 40% की हाई रेट्स की भी सिफारिश की है, लेकिन इसपर उपकर समाप्त कर दिया है.
सरकार और कंपनियों की तैयारी क्या है?
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) भी उद्योग और हितधारकों के साथ मिलकर बदलाव संबंधी मुद्दों को आसान बनाने और विभिन्न मुद्दों पर स्पष्टीकरण देने के लिए काम कर रहा है, जबकि सरकार ने भी नई कीमतों के फिर से लेबलिंग के लिए आवश्यक नोटिफिकेशन जारी किया है.
उद्योग जगत टैक्स कटौती का लाभ कंज्यूमर्स तक पहुंचाने और नए टैक्स पैमाने का अनुपालन करने की रणनीतियों पर काम कर रहा है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अब टैक्स नोटिफिकेशन जारी होने के बाद उद्योगों के लिए अपनी ERP सिस्टम, प्राइस तय फैसला और आपूर्ति चेन को संरेखित करना अनिवार्य हो गया है. EY के टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा कि यह रणनीतिक महत्वपूर्ण है, ताकि व्यवस्था सही से चलती रहे और सबसे महत्वपूर्ण बात इसका लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके.
आम जरूरत की चीजें हुईं सस्ती
जीएसटी दरों में बड़े बदलाव के बाद आम जरूरत की चीजें काफी सस्ती होने वाली हैं. 28 फीसदी स्लैब में शामिल ज्यादातर प्रोडक्ट्स को 18 फीसदी कैटेगरी में शामिल किया जा रहा है, तो वहीं 12 फीसदी में शामिल प्रोडक्ट्स को 5% कैटेगरी में रखा गया है. हालांकि कुछ 18 फीसदी में शामिल फूड आइटम्स को 5% की कैटेगरी में रखा गया है. इस बदलाव से टूथपेस्ट, साबुन और शैंपू से लेकर एसी, कार, बाइक और टीवी जैसे उत्पाद के रेट घट रहे हैं.