छत्तीसगढ़ में एक अनोखे मामले को लेकर महिला आयोग चर्चा में है। रायपुर में 28 वर्षीय युवती ने 17 साल के नाबालिग लड़के पर शारीरिक शोषण का आरोप लगाया था। इस मामले को महिला आयोग में पेश किया गया, लेकिन आयोग ने सुनवाई करने से साफ इनकार कर दिया। आयोग का कहना है कि इस तरह के मामलों में लड़कियों को समझदारी दिखाते हुए नाबालिगों से अवैध रिश्ते बनाने से बचना चाहिए।
मामले की जानकारी के अनुसार, युवती ने आयोग के सामने शिकायत दर्ज कराई थी कि 17 वर्षीय लड़के ने उसका शोषण किया। लेकिन जब सुनवाई शुरू हुई, तब आयोग ने कहा कि कानून के मुताबिक 18 वर्ष से कम उम्र के लड़के नाबालिग की श्रेणी में आते हैं और उनके खिलाफ इस तरह की शिकायतों पर विचार नहीं किया जा सकता। आयोग ने यह भी कहा कि लड़कियों को रिश्ते बनाने में सावधानी बरतनी चाहिए और नाबालिगों के साथ शारीरिक संबंध से दूर रहना चाहिए।
महिला आयोग की अध्यक्ष और सदस्यों ने इस दौरान स्पष्ट किया कि समाज में बढ़ती जागरूकता के बावजूद कुछ मामलों में ऐसे रिश्ते बन रहे हैं, जो बाद में विवाद का कारण बनते हैं। आयोग ने कहा कि युवतियों को आत्मसंयम और सतर्कता से निर्णय लेना चाहिए ताकि वे खुद को ऐसी परिस्थितियों में न फंसाएं।
इस फैसले पर विभिन्न वर्गों में चर्चा छिड़ गई है। कुछ लोगों का कहना है कि आयोग को मामले की गहराई से जांच करनी चाहिए थी, वहीं अन्य का मानना है कि नाबालिगों को कानून ने विशेष संरक्षण दिया है और ऐसे मामलों पर सुनवाई से परहेज करना सही है।
इस घटना ने समाज में रिश्तों की दिशा और उनकी सीमाओं पर बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि परिवारों और समाज को युवाओं को सही मार्गदर्शन देना चाहिए ताकि इस तरह की परिस्थितियां उत्पन्न ही न हों। महिला आयोग का यह निर्णय भले ही विवादित लग रहा हो, लेकिन उसने एक सख्त संदेश जरूर दिया है कि नाबालिगों से जुड़ी परिस्थितियों में विशेष सावधानी बरतना जरूरी है।