बांसवाड़ा: राजस्थान के वागड़ अंचल में चौथी कक्षा की किताब से मानगढ़ धाम का पाठ हटाए जाने का मामला राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है. आदिवासी समाज से जुड़े इस मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं.
बीजेपी का रुख :
बीजेपी नेताओं का कहना है कि इस विषय को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश हो रही है. पार्टी का आरोप है कि कांग्रेस इस मुद्दे को बेवजह राजनीतिक रंग देकर समाज को गुमराह कर रही है.
कांग्रेस का हमला :
वहीं कांग्रेस ने इस पर बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस विधायक अर्जुन बामनिया ने बयान जारी कर कहा कि यह आदिवासी समाज और शहीदों का अपमान है. उन्होंने सीधा निशाना साधते हुए कहा कि “RSS और बीजेपी के इशारे पर आदिवासी समाज को गुमराह करने की साज़िश हो रही है.”
उदयपुर सांसद पर आरोप :
बामनिया ने उदयपुर से बीजेपी सांसद पर भी बड़ा बयान देते हुए आरोप लगाया कि इस पूरे मामले में उनकी भूमिका संदिग्ध है और पार्टी स्तर पर यह कदम उठाकर आदिवासियों के इतिहास को दबाने का प्रयास किया जा रहा है.
मानगढ़ धाम का महत्व :
गौरतलब है कि मानगढ़ धाम आदिवासी समाज के लिए तीर्थ स्थल जैसा महत्व रखता है. 17 नवंबर 1913 को गोविंद गुरु के नेतृत्व में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ हुए आंदोलन में हजारों आदिवासी शहीद हुए थे. इसी कारण इसे “आदिवासियों का जलियांवाला बाग़” भी कहा जाता है.