पटना: राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) की रीजनल यूनिट ने 17 सितंबर 2025 को वन्यजीव तस्करों के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की. गुप्त सूचना के आधार पर की गई इस कार्रवाई में तेंदुए की खाल और ‘हत्थाजोड़ि’ (गोह/ मॉनिटर लिजर्ड का प्रजनन अंग) बरामद किया गया. इस दौरान साधु का वेश धारण किए दो संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया गया.
डीआरआई सूत्रों के अनुसार, पटना में चलाए गए इस गुप्त ऑपरेशन के दौरान दोनों संदिग्धों की तलाशी ली गई. जांच में उनके पास से तेंदुए की ताजा खाल बरामद हुई, जिससे बदबू आ रही थी. इसके अलावा, ‘हत्थाजोड़ि’ भी जब्त की गई. प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि यह गिरोह लंबे समय से तेंदुए और मॉनिटर लिजर्ड के शिकार और तस्करी में सक्रिय था तथा देश के विभिन्न हिस्सों में इसकी सप्लाई करता था.गौरतलब है कि तेंदुआ और मॉनिटर लिजर्ड दोनों ही वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 में शामिल हैं. इनके शिकार, अंगों के व्यापार या रखने पर सख्त कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। साथ ही, ये प्रजातियां CITES (Convention on International Trade in Endangered Species) की एपेंडिक्स-1 सूची में आती हैं, जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय व्यापार पूरी तरह प्रतिबंधित है.
डीआरआई अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और पूरे नेटवर्क की गहन जांच की जा रही है. माना जा रहा है कि इस गिरोह के तार राज्य से बाहर और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैले हो सकते हैं. इस ऑपरेशन को वन्यजीव अपराधों पर नकेल कसने के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है.