Gorakhpur News: डॉक्टर साहब MBBS, इंजेक्शन लगाना तक नहीं आता; मरीज के हाथ की नश में तोड़ दिया निडिल

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के गगहा थाना क्षेत्र से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 15 साल की बीमार लड़की को डॉक्टर और कर्मचारी ने गलत तरीके से इंजेक्शन लगा दिया. इस कारण बच्ची के हाथ की नस में ही निडिल टूट गई. परिजनों ने जब दर्द से तड़प रही बेटी के हाथ का एक्स-रे करवाया, तो उसमें इंजेक्शन का निडिल हाथ की नस में टूटकर फंसने की बात सामने आई.

परिजन ने कराया हाथ का एक्स-रे

इस बीच वह बार-बार हाथ में दर्द की शिकायत करती रह गई. मां सीमा यादव ने बताया कि हम लोगों को लगा कि थोड़ी देर में दर्द से आराम मिल जाएगा इसलिए हम लोग घर चले आए, लेकिन वह दर्द से कराहती रही और उसका दर्द बढ़ता गया. जिसके बाद हम लोग उसे लेकर दोबारा हॉस्पिटल गए, तो वहां के कर्मचारियों ने दवा देकर वापस घर भेज दिया. कुछ देर आराम के बाद दोबारा दर्द शुरू हो गया. जिसके बाद हम लोगों ने उसके हाथ का एक्स-रे कराया.

हाथ की नस में फंसी निडिल

एक्स-रे रिपोर्ट में सामने आया कि बच्ची के हाथ की नस में इंजेक्शन का निडिल टूट कर फंसी हुई है. इस कारण उसे दर्द हो रही है. इस बात की जानकारी होते ही परिजन काफी घबरा गए. इसके बाद बच्ची को दोबारा उसी अस्पताल ले जाया गया, जहां बच्ची को इंजेक्शन लगा था. यहां परिजन ने अस्पताल के स्टाफ को पूरे मामले की जानकारी दी. इसके बाद उन्हें सुबह से लेकर शाम तक अस्पताल में बैठा कर रखा गया और फिर बाद में बदसलूकी कर भगा दिया गया.

पुलिस पर लगे गंभीर आरोप

इसके बाद परिजन शिकायत लेकर गगहा थाने पर गए. ऐसे आरोप है कि यहां पुलिस ने उनकी एक बात भी नहीं सुनी. पीड़ित बच्ची की मां ने बताया कि इसके बाद हम लोग बुधवार को शिकायत लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और उनसे मिलकर पूरे मामले की जानकारी दी. इसके बाद जिलाधिकारी ने तत्काल मामले में संज्ञान लेते हुए सीएमओ को जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया. साथ ही बच्ची का इलाज कराने के लिए भी कहा.

बच्ची की मां ने बताया कि इसके बाद हम लोग जिला अस्पताल गए, जहां डॉक्टर ने रंजना को भर्ती कर लिया और उसके ठीक होने का आश्वासन भी दिया. रंजना का 2 दिन इलाज करने के बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर उसके हाथ से इंजेक्शन की टूटी हुई निडिल निकाल दी. जिसके बाद हम लोगों ने राहत की सांस ली. उन्होंने बताया कि हम लोगों की मांग है कि सीएमओ गोरखपुर आरोपी अस्पताल के कर्मचारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें.

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