कर्नाटक में मतदाता सूची से जुड़े विवाद पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा उठाए गए आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने स्पष्टीकरण दिया है। आयोग ने कहा है कि इस मामले में आवश्यक जानकारी पहले ही कर्नाटक CID को प्रदान कर दी गई थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मामले की जांच और निगरानी स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से की जा रही है।
राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर आरोप लगाए थे कि कर्नाटक में मतदाता सूची से कई नाम हटा दिए गए हैं और इसे लेकर आवश्यक कार्रवाई नहीं की गई। उनका कहना था कि यह प्रक्रिया राजनीतिक रूप से प्रभावित है और विपक्ष के मतदाताओं के अधिकारों के खिलाफ हो रही है।
चुनाव आयोग ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि सभी आवश्यक कागजात और जानकारी कर्नाटक पुलिस और CID को पहले ही सौंप दी गई थी। आयोग ने बताया कि मतदाता सूची में किसी भी तरह की अनियमितता सामने आने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि मामले की जांच निष्पक्ष रूप से पूरी की जाए।
आयोग ने यह भी बताया कि मतदाता सूची के अद्यतन और त्रुटियों को सुधारने की प्रक्रिया नियमित रूप से चल रही है। किसी भी व्यक्ति को मतदाता सूची से गलत तरीके से हटाया नहीं गया है और जिन शिकायतों का विवरण आया है, उन पर तुरंत ध्यान दिया गया। आयोग ने स्पष्ट किया कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी पात्र मतदाता चुनाव प्रक्रिया में शामिल हो सकें और उनके अधिकारों की सुरक्षा हो।
राजनीतिक दलों और नेताओं से आग्रह किया गया कि वे ऐसे संवेदनशील मामलों में बयान देने से पहले जांच की प्रगति और तथ्यों की पुष्टि करें। चुनाव आयोग ने कहा कि लोकतंत्र की प्रक्रिया में मतदाता सूची का पारदर्शी और निष्पक्ष होना अत्यंत महत्वपूर्ण है।