इंदौर में वाटर रिचार्जिंग गड्डे में तीन बच्चों की डूबने से मौत, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

इंदौर के मालीखेड़ी क्षेत्र में गुरुवार को तीन बच्चों की डूबने से दर्दनाक मौत हो गई। बच्चे बारिश के पानी से भरे गड्डे में नहाने गए थे, जो पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल के परिवार की जमीन पर खोदा गया था। घटना की जानकारी मिलने पर ग्रामीण और पुलिस मौके पर पहुंचे और बच्चों के शवों को गड्डे से निकाला। मरने वाले बच्चों के परिजनों को प्रशासन की ओर से चार-चार लाख रुपये की आर्थिक मदद दी गई।

बताया गया कि बुधवार की तेज बारिश के कारण गड्डे में पानी भर गया था। गुरुवार को पांच साल के प्रियांश, पांच साल के विराट और आठ साल की गुनगुन नहाने गए। गहराई अधिक होने के कारण तीनों बच्चे डूब गए। घटना की सूचना एक बच्ची ने गांव के युवकों को दी। इसके बाद पुलिस और एनडीआरएफ की मदद से बच्चों को तलाशा गया। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद गुनगुन का शव भी निकाल लिया गया।

घटना से पूरे गांव में मातम छा गया। ग्रामीणों ने बताया कि गड्डे में तार की फेंसिंग नहीं थी, जिसके कारण यह हादसा हुआ। पटेल परिवार के भतीजे राहुल ने बताया कि गड्डा वाटर रिचार्जिंग के लिए खोदा गया था और आसपास फेंसिंग की गई थी, इसलिए इसमें उनकी गलती नहीं है।

स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है। टीआई करणीसिंह शक्तावत ने कहा कि लापरवाही की जांच की जाएगी और राजस्व रिकॉर्ड में जमीन किसके नाम पर है, इसकी पुष्टि के लिए कलेक्टर को पत्र भेजा जा रहा है।

मौके पर कलेक्टर शिवम वर्मा ने एसडीएम अजय भूषण शुक्ला को भेजा। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को तत्काल दस-दस हजार रुपये दिए और बाद में चार-चार लाख रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा की। शवों को शासकीय अस्पताल भिजवाया गया।

इस हादसे ने इंदौर में बच्चों की सुरक्षा और नगर निकायों द्वारा किए जा रहे वाटर रिचार्जिंग जैसे कार्यों में सुरक्षा मानकों के पालन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि गड्डों और निर्माण कार्यों में पर्याप्त फेंसिंग, चेतावनी संकेत और सुरक्षा उपाय किए बिना इस तरह के हादसे दोबारा हो सकते हैं।

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