रेप के मामले में सजा काट रहे आसाराम के बेटे नारायण साई को गुजरात हाईकोर्ट से राहत मिल गई है. नारायण को अपनी 82 वर्षीय बीमार मां के इलाज के लिए पांच दिन की अंतरिम जमानत मिली है. नारायण ने बीमार मां के इलाज के लिए 45 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी. उनकी अंतरिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने उसे शर्तों के साथ पांच दिनों की अंतरिम जमानत दे दी है. जमानत के दौरान नारायण साई अहमदाबाद में अपनी मां के घर पर रह सकेगा. लेकिन वह अपने अनुयायियों से नहीं मिल सकेगा.
नारायण साई के वकील ने दलील दी कि पहले उसके बीमार पिता आसाराम से मिलने के लिए पांच दिनों की अंतरिम जमानत दी गई थी. अब उसे अपनी बीमार मां से मिलने के लिए 45 दिनों की जमानत दी जाए, जिन्हें दिल का दौरा पड़ा है.
हालांकि, हाईकोर्ट ने उसे 45 दिनों की जमानत देने से इनकार कर दिया था और शर्तों के साथ 5 दिनों की जमानत दी है. जेल से रिहा होने के समय से ही जमानत पर विचार किया जाएगा. जमानत के दौरान वह केवल अपनी मां के घर पर ही रह सकेगा कहीं और नहीं. सूरत की लाजपोर जेल से रिहा होने के बाद वह अहमदाबाद में अपनी मां के घर आएगा.
हालांकि, उसे कड़ी पुलिस हिरासत में रखा जाएगा ताकि वह जमानत की शर्तों का उल्लंघन न करे. नारायण साईं इस समय सूरत की लाजपोर जेल में बंद है, जहां वह बलात्कार के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. उसकी मा की गंभीर बीमारी को देखते हुए मानवीय आधार पर ज़मानत दी गई है.
नारायण साई को 2019 में सेशंस कोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. तब से वह जेल में बंद है. जून में हाइकोर्ट ने आसाराम की चिकित्सा स्थिति और पिता-बेटे के व्यक्तिगत रूप से मिलने में असमर्थता को देखते हुए मानवीय आधार पर नारायण साईं को उसके पिता आसाराम से मिलने के लिए 5 दिनों की अंतरिम जमानत दी थी.