सुपौल : जिले में शिक्षा व्यवस्था काे सुदृढ़ बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च रही है. इन सबके बावजूद शिक्षकों की लापरवाही सामने आ ही जाती है, बार-बार शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछा जाता है, वेतन स्थगित किया जाता है, परंतु शिक्षक अपने कारनामे से बाज नहीं आते हैं. शिक्षक समय से विद्यालय पहुंचें और निर्धारित समय के बाद ही विद्यालय से प्रस्थान करें. इसके लिए विभाग ने आनलाइन हाजिरी की व्यवस्था की है. इसके तहत शिक्षकों को दो बार आनलाइन हाजिरी दर्ज करनी होती है. मकसद साफ है कि भगोड़ा शिक्षक पर नकेल कसा जा सके.
इसके बावजूद कुछ शिक्षक हैं कि विभाग के इस व्यवस्था को ठेंगा दिखाने से बाज नहीं आ रहे हैं. कुछ ऐसा ही मामला तब सामने आया जब जिलाधिकारी सावन कुमार ने विभागीय समीक्षा बैठक में शिक्षकों के आनलाइन हाजिरी की पड़ताल की. पाया गया कि इस दिन जिले के 444 शिक्षकों ने आनलाइन हाजिरी दर्ज नहीं की थी. जिलाधिकारी के निर्देश पर प्राथमिक शिक्षा एवं समग्र शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने इन सभी शिक्षकों के 2 सितंबर के वेतन को स्थगित कर दिया है.
इसको लेकर जारी आदेश में डीपीओ ने कहा है कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान उनके द्वारा 2 सितंबर को शिक्षकों के आनलाइन हाजिरी की समीक्षा की गई. जिसमें जिले के विभिन्न विद्यालयों के 444 शिक्षकों की हाजिरी दर्ज़ नहीं की हुई थी. फिलहाल इन सभी शिक्षकों के एक दिन का वेतन स्थगित की कार्रवाई की गई है.
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