बिहार की राजधानी पटना की गिनती स्मार्ट सिटी वाले शहरों की सूची में होती है. जगह-जगह पर सीसीटीवी लगाए गए हैं. सड़क पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी एक्टिव मोड में रहते हैं. इसके बावजूद शहर में ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने के मामले सामने आते रहते हैं. दरअसल, राजधानी के ट्रैफिक एसपी द्वारा जारी किए गए आंकड़े में इस बात का खुलासा हुआ है कि लोग मनमानी तरीके से ड्राइव करते हैं. ट्रैफिक एसपी ने जानकारी दी कि ट्रैफिक संचालन को लेकर अलग-अलग सेक्शन में चालान काटे गए हैं.
पटना के ट्रैफिक एसपी अपराजित लोहान ने शुक्रवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि करीब 47 करोड़ रुपए का फाइन ऐसे दोपहिया चालकों को लगाया गया है जो बाइक चलाते वक्त हेलमेट नहीं पहने थे. इसके अलावा ट्रैफिक संचालन की कई अलग-अलग धाराओं में भी बड़ी संख्या में जुर्माना लगाए गए हैं. ट्रैफिक एसपी ने कहा कि जिनके ऊपर जुर्माना लगाया जाता है उनको रिमाइंडर दिया जाता है. एसएमएस के द्वारा भी रिमाइंडर भेजा जाता है. परिवहन विभाग हर दस से पंद्रह दिन पर एक रिमाइंडर भेजता है. इसके अलावा डाक के द्वारा भी रजिस्टर्ड पोस्ट के माध्यम से जल्द चालान भरने का रिमाइंडर भेजा जाता है.
उन्होंने कहा कि राजधानी के लोगों से हमारा आग्रह है कि वह ट्रैफिक नियमों का पालन करें. जो भी चालान पेंडिंग हैं, उसे जल्द से जल्द भर दें. उन्होंने यह भी बताया कि केवल सितंबर माह में ही लगभग 13 करोड़ रुपए के चालान काटे गए हैं, जिसमें से करीब 30 फीसदी का चालान जमा हुआ है. अगर महीने की औसत से देखा जाए तो 115 से 120 करोड़ रुपए तक के चालान काटे जा रहे हैं, जिसमें से करीब 25 करोड रुपए जमा हो गए हैं. उन्होंने कहा कि चालान करने का उद्देश्य सड़क सुरक्षा को बढ़ाना है. अलग-अलग क्षेत्र में चालान काटे गए हैं. सबसे ज्यादा करीब साढे़ 46 करोड़ रुपए के चालान बिना हेलमेट वालों के काटे गए हैं.
ट्रैफिक एसपी ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि इसके अलावा रॉन्ग साइड ड्राइविंग में करीब 5.15 करोड़ रुपए के चालान काटे गए हैं. करीब 24 हजार लोग अब तक गलत दिशा में ड्राइविंग करते हुए मिले. उन पर चालान लगाया गया. साथ ही 20 हजार से ज्यादा लोगों ने तेज रफ्तार में वाहन चलाया. ऐसे लोगों पर 4.1 करोड़ रुपए का जुर्माना ठोंका गया. ट्रैफिक एसपी ने बताया कि सबसे चिंताजनक स्थिति नो पार्किंग की है. पिछले आठ महीनों में करीब 79 हजार गाड़ियां गलत जगह खड़ी पाई गईं, जिन पर 4.4 करोड़ रुपए से अधिक का जुर्माना लगाया गया.