बालोद: जिले में एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही ने एक व्यक्ति की जान ले ली. मामला अर्जुन्दा थाना क्षेत्र का है, जहां फर्जी डिग्री पर इलाज करने वाले डॉक्टर रेखराम साहू को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है.
15 साल से पाइल्स से पीड़ित था मरीज
मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के ग्राम हज्जूटोला निवासी आनंदराव जनबंधु के बेटे सुभाष कुमार जनबंधु (40) पिछले 14-15 साल से पाइल्स की बीमारी से जूझ रहे थे. देशी दवाओं से आराम न मिलने पर परिवार ने 8 मई 2025 को कांदुल निवासी डॉक्टर रेखराम साहू को इलाज के लिए 8 हजार रुपये दिए. इलाज के नाम पर आरोपी ने सुभाष के गुदा द्वार में अलग-अलग जगहों पर 9 इंजेक्शन लगाए.
ब्लीडिंग और इंफेक्शन से बिगड़ी हालत
अगले दिन यानी 9 मई को सुभाष की हालत बिगड़ गई. उन्हें अत्यधिक ब्लीडिंग होने लगी और पेट फूलने लगा. परिजनों ने डॉक्टर को फोन पर जानकारी दी, लेकिन आरोपी ने टालमटोल करते हुए फोन बंद कर दिया. हालत बिगड़ने पर परिजनों ने मरीज को शंकराचार्य अस्पताल, जुनवानी में भर्ती कराया. डॉक्टरों ने जांच में बताया कि गलत इलाज और इंजेक्शन के कारण मरीज की स्थिति गंभीर हो गई. लगातार ब्लीडिंग और इंफेक्शन से सुभाष की मौत 11 मई को हो गई.
फर्जी डिग्री से कर रहा था इलाज
एसडीओपी गुंडरदेही की जांच में सामने आया कि आरोपी डॉक्टर रेखराम साहू के पास न तो मान्य डिग्री है और न ही छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में पंजीयन. उसने फर्जी डिग्री के आधार पर इलाज किया था.
पुलिस ने किया गिरफ्तार
शिकायत पर अर्जुन्दा पुलिस ने अपराध क्रमांक 129/2025 धारा 105 बीएनएस, राज्य उपचार्यागृह एवं रोगोपचार संबंधी स्थापनाएं अनुज्ञापन अधिनियम 2010 की धारा 12 और आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम 1987 की धारा 24 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की. पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोनिका ठाकुर और एसडीओपी राजेश बागड़े के मार्गदर्शन में टीम गठित की गई. आरोपी को 18 सितंबर को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया.