प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के दौरे के दौरान ‘समुद्र से समृद्धि’ परियोजना और लोथल एनटीसी का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि देश के लिए विकास का मार्ग आत्मनिर्भरता से होकर जाता है। पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि चाहे चिप हो या शिप, भारत में ही उनका निर्माण करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि आत्मनिर्भर भारत का सबसे बड़ा दुश्मन आलस्य और अव्यवस्था है।
मोदी ने अपने भाषण में कहा कि आत्मनिर्भरता सिर्फ उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मविश्वास, कौशल और नवाचार में भी परिलक्षित होनी चाहिए। उन्होंने गुजरात को मॉडल राज्य बताते हुए कहा कि राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं। पीएम मोदी ने युवाओं से अपील की कि वे देश के निर्माण में अपनी ऊर्जा और प्रतिभा का योगदान दें।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि समुद्र से समृद्धि का मतलब सिर्फ मछली पकड़ना या बंदरगाह विकसित करना नहीं है, बल्कि इससे व्यापार, रोजगार और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा। लोथल एनटीसी के उद्घाटन के समय उन्होंने बताया कि यह परियोजना क्षेत्र में नई तकनीक और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा, आर्थिक विकास और तकनीकी आत्मनिर्भरता के लिए घरेलू उत्पादन बढ़ाना अनिवार्य है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत किसी भी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का संकल्प रखता है और इसके लिए सभी संसाधनों का सही उपयोग करना होगा।
मोदी ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी चुनौती आलस्य, अव्यवस्था और भ्रष्टाचार है। यदि ये दूर नहीं होंगे तो आत्मनिर्भरता का सपना अधूरा रह जाएगा। उन्होंने अधिकारियों और उद्योगपतियों से अपील की कि वे उत्पादन, नवाचार और रोजगार के क्षेत्र में सहयोग करें।
समारोह में राज्य के मंत्री, स्थानीय प्रशासन के अधिकारी और नागरिक उपस्थित थे। पीएम मोदी ने कहा कि युवा और महिलाओं को सशक्त बनाने से ही आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा। उन्होंने सभी को इस दिशा में जुटने और देश की प्रगति में योगदान देने की प्रेरणा दी।
प्रधानमंत्री ने अंत में कहा कि आत्मनिर्भरता का मार्ग कठिन है लेकिन निरंतर प्रयास और निष्ठा से ही इसे हासिल किया जा सकता है। उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में प्रयास कर भारत को विकास और समृद्धि की ओर ले जाएँ।