सुपौल: जिले में शिक्षा व्यवस्था काे सुदृढ़ बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च रही है. इन सबके बावजूद शिक्षकों की लापरवाही सामने आ ही जाती है, बार-बार शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछा जाता है, वेतन स्थगित किया जाता है, परंतु शिक्षक अपने कारनामे से बाज नहीं आते हैं. विद्यालयों में नामांकित बच्चों के लिए स्वच्छ और हरित वातावरण तैयार करने के उद्देश्य से शुरू की गई स्वच्छ एवं हरित विद्यालय रेटिंग पोर्टल पर पंजीकरण एवं सर्वेक्षण कार्य में विद्यालय प्रधान रुचि नहीं दिखा रहे हैं.
परिणाम है कि इस मामले में जिले का स्थान सूबे में काफी नीचे 31 वें स्थान पर है. स्थिति है कि विभाग ने जिले के जिन 2210 विद्यालयों को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने और सर्वे करने को कहा उनमें से अब तक केवल 544 विद्यालयों ने ही पोर्टल पर पंजीकरण कराया है. वहीं, सर्वेक्षण कार्य पूरा करने वाले विद्यालयों की संख्या मात्र 229 है. मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी संग्राम सिंह ने कड़ा रूख अपनाते हुए हर हाल में 22 सितंबर तक कार्य को पूरा कर लेने को कहा है.
कहा है कि ऐसा नहीं करने वाले विद्यालय प्रधान की न सिर्फ वेतन पर रोक लगाई जाएगी बल्कि कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाएगी. डीईओ ने कहा है कि जिले के कुल 2210 विद्यालयों में से अब तक केवल 544 विद्यालयों ने ही पोर्टल पर पंजीकरण कराया है. वहीं सर्वेक्षण कार्य पूरा करने वाले विद्यालयों की संख्या मात्र 229 है. विभाग ने इस स्थिति को गंभीर लापरवाही मानते हुए कहा है कि अब किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यह सर्वेक्षण राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जा रहा है. इसमें विद्यालयों की स्वच्छता, हरित वातावरण, पेयजल, शौचालय, अपशिष्ट प्रबंधन, पौधारोपण एवं स्वच्छ वातावरण बनाए रखने की स्थिति को आंका जाएगा.
इस आधार पर विद्यालयों की रेटिंग तय होगी और आगे विद्यालयों की पहचान एवं मूल्यांकन इसी आधार पर किया जाएगा. किसी भी तकनीकी समस्या की स्थिति में विद्यालय के प्रधानाध्यापक सीधे आईसीटी सहायकों से संपर्क कर सकते हैं. इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से संपर्क सूत्र भी जारी किया गया है, ताकि पंजीकरण एवं सर्वेक्षण कार्य में किसी तरह की बाधा न आए. डीईओ ने कहा कि यह केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि बच्चों के लिए स्वच्छ और हरित वातावरण तैयार करने की दिशा में एक अहम कदम है. जिले के सभी विद्यालयों को इस दिशा में गंभीरता दिखानी होगी.