जमुई : लंबे समय से जिले में बंद पड़े एक और दो रुपये के सिक्कों को पुनः प्रचलन में लाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है. मिलेनियम स्टार फाउंडेशन के संस्थापक–अध्यक्ष सुशांत साईं सुंदरम ने इस संबंध में 16 सितम्बर 2025 को जिलाधिकारी नवीन कुमार को एक औपचारिक पत्र भेजा है. उन्होंने कहा है कि छोटे मूल्य वर्ग के सिक्कों की अनुपस्थिति से आमजन को अनावश्यक महंगाई का सामना करना पड़ रहा है.
सुशांत ने पत्र में उल्लेख किया है कि जिले के विभिन्न प्रखंडों और पंचायतों के बाजारों में कई वर्षों से एक और दो रुपये के सिक्कों का लेन-देन लगभग ठप पड़ा हुआ है. दुकानदारों का कहना है कि थोक व्यापारी और महाजन इन्हें लेने से इंकार करते हैं, जिसके कारण खुदरा दुकानदार भी ग्राहकों से ऐसे सिक्के स्वीकार करने में हिचकते हैं. इससे आम उपभोक्ताओं और छोटे दुकानदारों दोनों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं.पत्र में आगे कहा गया है कि जमुई जैसे आर्थिक रूप से पिछड़े जिले की बड़ी आबादी दिहाड़ी मजदूरी, बीड़ी निर्माण, पशुपालन और कृषि पर निर्भर है. यहाँ के लोगों की रोज़मर्रा की कमाई और खर्च अपेक्षाकृत कम होती है. लेकिन जब पाँच रुपये का सिक्का ही सबसे छोटा प्रचलित मूल्य रह गया है तो छोटी से छोटी खरीदारी भी पाँच रुपये या उससे अधिक में तय हो रही है. इसका सीधा असर महंगाई पर पड़ रहा है और गरीब परिवारों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ रहा है.
सुंदरम ने जिलाधिकारी को यह भी याद दिलाया कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किसी भी सिक्के को, जब तक उसे औपचारिक रूप से प्रचलन से बाहर घोषित नहीं किया जाता, अस्वीकार करना भारतीय मुद्रा अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ है. ऐसे में एक और दो रुपये के सिक्कों को लेने से इनकार करना नियम विरुद्ध और अवैध है.
फाउंडेशन ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि इस विषय में ठोस कदम उठाए जाएं. इसके लिए बाजारों और दुकानदारों को जागरूक करने के उद्देश्य से मीडिया प्रचार, माइकिंग, पोस्टर–बैनर और स्थानीय थाना व बाजार समितियों की मदद से व्यापक अभियान चलाया जाए. पत्र के अंत में सुशांत साईं सुंदरम ने उम्मीद जताई है कि जिलाधिकारी इस विषय को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र ही आवश्यक कार्रवाई करेंगे, ताकि जिले में छोटे मूल्यवर्ग की मुद्रा का सुचारू प्रचलन फिर से शुरू हो सके और आम जनता को राहत मिले.