शनिवार को एसबीपी कॉलेज परिसर में विद्यार्थियों की नुक्कड़ सभा का आयोजन हुआ। सभा को सम्बोधित करते हुए एसएफआई जिलाध्यक्ष जितेश कुमार वरहात ने कहा कि एसएफआई लगातार एनसीसी भर्ती सहित अन्य मांगो को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं. हाल ही में जारी नोटिफिकेशन भी प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए जारी हुआ है.
जबकि पिछले वर्ष विद्यार्थियों की मांग के बावजूद न कॉलेज प्रसाशन ने तथा न ही बटालियन ने एनसीसी भर्ती मामले में संज्ञान लिया. ऐसी स्थिति में पिछले वर्ष इच्छुक विद्यार्थी एनसीसी भर्ती से वंचित रह गए हैं. आने वाली 25 तारीख को प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों की भर्ती दौड़ होनी है जिसमें द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी शामिल नही हो सकते हैं, जो पूर्व वर्ष में वंचित रह गए हैं.छात्र नेताओं ने कहा कि कॉलज में एक ही आर्मी बटालियन के रूप में भर्ती हो रही हैं जबकि नेवी बटालियन, एयर डिफेंस, एयरबर्न, सिंगल बटालियन आदि पर भी भर्ती होनी चाहिए, ताकि आदिवासी क्षेत्र के युवा इस ओर बढ़ सकें.

वहीं, एसएफआई लगातार सालों से नकारा पड़े भवनों के नवनिर्माण को लेकर आंदोलन करती आ रही हैं लेकिन न तो प्रसाशन सुध ले रहा है न ही सरकार इस मामले में संज्ञान ले रही है। दूर-दराज गावों से आने वाले आदिवासी विद्यार्थी होस्टल में रहकर पढ़ाई कर सकें लेकिन बीजेपी-आरएसएस की सरकार चाहती ही नहीं है कि आदिवासी बच्चें उच्च शिक्षा की ओर बढ़े. आर्थिक बोझ तले दबे माता-पिता रूम किराया वहन करने में सक्षम नही होते हैं, ऐसे में विद्यार्थी गुजरात काम की तलाश में पलायन करता है और ये पलायन सीधे सरकार की नाकामी को दर्शा रही हैं.
छात्र नेताओं ने कहा कि जिले का सबसे बड़ा कैम्पस होने के बावजूद आज इस कॉलेज में मैदान के हालात नाजुक है. मैदान की ओर एक नजर करें तो अवैध रूप से बने मकान नजर आएंगे। यही हाल रामनगर में स्थित होस्टल का हैं जहां लोगों ने आंगन के नाम पर अवैध कब्जा जमा रखा है.
एसएफआई ने कहा कि उक्त मांगों का समाधान शीघ्र-अतिशीघ्र किया जाए अन्यथा एसएफआई आंदोलन तेज करेगी जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की रहेगी. इस अवसर पर जिला सचिव विक्रम डामोर, साहिल, राम, विशाल, आशीष, राहुल, अनिल, निखिल, बबिता, नीता, निर्मला, शिवानी, शीतल, किंजल, गायत्री सहित छात्र-छात्राएं मौजूद रहें.