इंदौर में फर्जी पुलिसकर्मी गिरफ्तार, लोगों को ठगने का था खेल

मध्य प्रदेश के इंदौर में पुलिस ने एक फर्जी पुलिसकर्मी को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। आरोपी विवेक चौहान खुद को पुलिसकर्मी बताकर आम लोगों को ठग रहा था। उसे संयोगितागंज थाना क्षेत्र में ट्रैफिक पुलिस की रूटीन चेकिंग के दौरान रोका गया, जहां संदिग्ध गतिविधियों के कारण उसकी तलाशी ली गई। तलाशी में उसके पास से फर्जी पुलिस आईडी कार्ड और वर्दी बरामद हुई, जिससे स्पष्ट हुआ कि वह लोगों को धोखा दे रहा था।

पुलिस के अनुसार, आरोपी विवेक चौहान मेघदूत नगर का निवासी है और उसने कई लोगों को अपना शिकार बनाया है। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने यह भी स्वीकार किया कि वह पुलिस बनकर लोगों को डराता और उनसे अवैध तरीके से पैसे वसूल करता था। ट्रैफिक पुलिस के आरक्षक सुल्तान रावत की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया।

जानकारी के मुताबिक, आरोपी ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर लोगों पर रौब झाड़ने का काम किया और उनसे ठगी की। पुलिस ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और शक जताया है कि इसके पीछे कोई संगठित गिरोह भी शामिल हो सकता है।

क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी ने बताया कि आरोपी से पूछताछ जारी है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसने अब तक कितने लोगों को अपना शिकार बनाया और क्या इसके पीछे कोई बड़े स्तर का नेटवर्क काम कर रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे मामलों से आम जनता में डर और असुरक्षा की भावना बढ़ती है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि यदि वे किसी संदिग्ध गतिविधि या फर्जी पुलिसकर्मी के बारे में जानकारी रखते हैं तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।

इस गिरफ्तारी से यह स्पष्ट हुआ कि इंदौर पुलिस लगातार निगरानी रखकर अपराधियों को पकड़ने में सक्रिय है। फर्जी पुलिसकर्मी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पुलिस का मानना है कि जांच पूरी होने के बाद इस मामले में और भी खुलासे होंगे, जिससे फर्जीवाड़े और ठगी की पूरी साजिश सामने आएगी।

इस कार्रवाई के बाद इंदौर में लोगों को थोड़ी राहत मिली है और पुलिस प्रशासन ने जनता को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है। ऐसे मामलों पर कड़ी नजर रखना और समय पर कार्रवाई करना पुलिस की प्राथमिकता बनी हुई है।

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